संजय राऊत का सवाल, बोले- NIA ने उरी, पठाणकोट और पुलवामा में क्या जांच किये

मुंबई : ऑनलाइन टीम – रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के आवास के पास से विस्फोटक लदे वाहन (एसयूवी) की बरामदगी मामले की जांच में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे है। इस केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सचिन वाजे को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के अलावा और भी कोई बड़े-बड़े लोग इस पुरे साजिश में शामिल है।

इस केस में अब में राजनीति गरमा गयी है। मनसुख हिरेन की मौत को लेकर भाजपा ने सरकार और गृह मंत्री को भी आड़े हाथों लिया। दूसरी ओर परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि परमबीर सिंह नाखुश हैं और बिना पद ग्रहण किए छुट्टी पर चले गए हैं। इस घटना की जांच एनआईए ने अपने हाथों लिया है। अब शिवसेना ने एनआईए से कई सवाल पूछे हैं।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में एनआईए और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। मनसुख हिरेन की मौत से भाजपा नेता भी दुखी थे। केंद्र सरकार ने ‘एनआईए’ को जांच के लिए भेजा। इसकी इतनी जल्दी आवश्यकता नहीं थी। लेकिन महाराष्ट्र के किसी मामले  में टांग अड़ाने का मौका मिले तो केंद्र की जांच एजेंसियां भला पीछे क्यों रहें? बीस जिलेटिन की छड़ें और कार मालिक की संदिग्ध मौत की जांच एनआईए ने अपने हाथ में लेकर तुरंत वझे को गिरफ्तार करने का कर्तव्य पूरा कर दिखाया। वझे की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी को जो आनंद मिला है, उसका वर्णन करने में शब्द कम पड़ जाएंगे।

उन्होंने कहा कि मामला अपराध शाखा में एक सहायक पुलिस निरीक्षक के इर्द-गिर्द घूमता है और इसके पीछे का मकसद जल्द ही सामने आएगा। किसी भी परिस्थिति में एनआईए को इस अपराध की जांच में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जब तक आतंकवाद का इंवोल्मेंट न हो। आतंकवाद से संबंधित घटनाओं की जांच एनआईएन करती है। लेकिन, एनआईए इन जिलेटिन की छड़ें, उरी हमले, पठानकोट हमले और पुलवामा हमले की जांच में क्या किया, इसमें क्या सामने
आया। कितने अपराधी गिरफ्तार किए गए?

इधर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सचिन वेज के पीछे जो भी लोग है उन्हें पकड़ने की मांग की है। फडणवीस ने यह भी मांग की कि एनआईए को मनसुख हिरण मौत मामले की जांच करनी चाहिए। इस पर भी शिवसेना ने सामना में टिप्पणी की है।