Sambhaji Bhide | आषाढी वारी को अनुमति दें, वारी न होने से बढ़ रहा कोरोना; संभाजी भिडे का बयान

सांगली (Sangli news) : ऑनलाइन टीम – शिव प्रतिष्ठान (Shivpratisthan) के संस्थापक संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide) गुरुजी ने पैदल वारी समारोह के लिए अनुमति की मांग की है। इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने (Sambhaji Bhide) सांगली (Sangli) के जिलाधिकारी (District Magistrate) को भी ज्ञापन दिया है।

 

आषाढ़ी वारी को अनुमति दें। (Pandharpur Ashadhi Wari 2021) वारी न होने से कोरोना वायरस बढ़ रहा है। इसलिए वारी को अनुमति दें, कोरोना चला जाएगा। इसलिए संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide) गुरुजी ने मांग की है कि वारी को अनुमति दी जाए। इस मांग को लेकर वारकरी संप्रदाय के मुखिया और शिव प्रतिष्ठान के कार्यकर्ताओं ने संभाजी भिड़े गुरुजी के नेतृत्व में सांगली के जिलाधिकारी अभिजीत चौधरी को ज्ञापन दिया है।

 

पंढरी की वारी के बाद कोरोना खत्म हो जाएगा। संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide) ने कहा कि वारी के बाद देश में नहीं बल्कि दुनिया में कोरोना खत्म हो जाएगा। संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide) ने कहा है कि यदि संतों की परंपरा को संरक्षित रखा जाए तो सभी बाधाएं दूर हो जाएंगीइसलिए पैदल वारी की अनुमति दी जानी चाहिए।

सम्मानित पालकी से वाहनों से प्रस्थान कर सीमित वारकरियों की उपस्थिति में पैदल वारी होनी चाहिए, ऐसी मांग भिडे ने की है। साथ ही पुलिस युवाओं को शराब की दुकानों पर जाने से नहीं रोक रही है, लेकिन बिना मास्क के घूमने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, ऐसा भिड़े गुरुजी ने कहा।

 

संभाजी भिड़े ने जिलाधिकारी को दिए निवेदन में क्या कहा?

 

पैदल चलने वाले लाखों वारकरी  हैं। आलंदी से पंढरपुर और देहू से पंढरपुर तक लाखों वारकरी पैदल चलते हैं। सालों से यह परंपरा रही है। पिछले साल कोरोना ने वारी परंपरा को तोड़ा था। लेकिन इस साल वारकरी को पंढरी वारी का बेसब्री से इंतजार था। फिलहाल राज्य के कुछ जिलों को छोड़ दें तो कोरोना संक्रमण में कमी आई है।

 

राज्य में अन्य सभी राजनीतिक कार्यक्रम चल रहे हैं। वारकरी (Warkari)  सरकार के सभी नियमों का पालन करते हुए वारी में भाग लेने के लिए सहमत हुए थे। हालांकिचर्चा के बहाने यह आश्वासन दिया गया था कि पालकी केवल 100 लोगों को ही लेकर निकलेगी। लेकिन हकीकत में 100 लोगों की वारी को भी अमान्य कर फिर से बस से संत के पादुका को पंढरपुर तक लेकर जाना तय हुआ। यह सरकार द्वारा वारकरियों के साथ विश्वासघात है।

 

ह.भ.प. बंडातात्या कराडकर (Bandatatya Karadkar) ने सरकार से खिलाफ जाकर पैदल वारी की अपील की है। इसलिए फलटन में उन्हें स्थानबद्ध किया गया है। इसका वारकरी संप्रदाय ने विरोध किया है। पंढरपुर वारी की परंपरा न टूटे इसके लिए पैदल पैदल डिंडी की अनुमति दी जाए।

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष चुनाव : राजभवन की गतिविधियों पर सत्ताधारियों की नजर

Gopichand Padalkar | महाराष्ट्र : राष्ट्रवादी का असली चेहरा सामने आया – गोपीचंद पडलकर