डिपाजिट इंश्योरेंस स्कीम : सहकार भारती द्वारा सुधार की मांग

पुणे : समाचार – पंजाब महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के घोटाले के कारण रिजर्व बैंक द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के मद्देनजर डिपाजिट इंश्योरेंस स्कीम के नियमों में परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता है. यह प्रस्ताव सहकारी भारती की बड़ौदा में हुई बैठक में प्रस्ताव पास किया गया. यह जानकारी सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश वैद्य और महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने दी.

सहकार भारती के संस्थापक सदस्य और रिर्जव बैंक के डायरेक्टर सतीश मराठे ने बताया कि डिपाजिट स्कीम में किए जाने वाले सुधार का ब्यौरा केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन को भेज दिया गया है. 1993 में की गई डिपॉजिट की रकम तीस हजार से एक लाख रुपए की गई थी. इसलिए बदलते समय के अनुसार डिपाजिट इंश्योरेंस स्कीम में सुधार किया जाना आवश्यक है.

जो बैंक घोटाले के कारण संकट में हैं उन बैंकों की निवेशकों की डिपाजिट की रकम देने के लिए डिपाजिट इंश्योरेंस स्कीम में स्वतंत्र रिजर्व राशि रखी जाए तथा जो बैंक आर्थिक संकट में हैं उन्हें तीन वर्ष पहले ही नोटिस दिया जाए. यह भी सुझाव सहकार भारती की ओर से दिया गया है.