पुणे, 24 जून : पुणे पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच जमकर हंगामा हुआ है। आंबिल ओढ़ा परिसर में अतिक्रमण हटाने के लिए गई पुलिस का स्थानीय लोगों ने जोरदार विरोध किया। इस दौरान पुलिस और नागरिकों में हाथापाई हो गई। इतना ही नहीं यहां कुछ नागरिकों ने बदन पर किरोसिन तेल डालकर आत्मदाह का भी प्रयास किया।
आंबिल ओढ़ा परिसर में अतिक्रमण हटाने के लिए पुणे पुलिस के साथ मनपा के अधिकारी भी गए थे। लेकिन यहां के नागरिकों ने अतिक्रमण हटाने का विरोध किया। इस दौरान नागरिकों ने पुणे पुलिस मुर्दाबाद का नारा लगाया। कुछ लोगों ने बदन पर किरोसिन तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। इससे यहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
लोगों का आरोप है कि पुलिस अचानक से आई और उन्हें घर खाली करने के लिए कह रही है। इस कार्रवाई को लेकर हमें पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी. हमारा घर चला गया तो हम कहा जाएंगे। हम यहां 50 से 60 वर्षों से रहते आ रहे है। हमें वैकल्पिक व्यवस्था दी जाए फिर कार्रवाई करे। स्थानीय आरोप ने आरोप लगाया है कि मनपा के नहीं बल्कि बिल्डरों के नोटिस के बाद कार्रवाई शुरू हुई है। नोटिस पर पुणे मनपा की मुहर क्यों नहीं है ?
नीलम गोंहे का आरोप
शिवसेना नेता नीलम गोंहे ने आरोप लगाया है कि 15 दिन पहले मैं मनपा के आयुक्त, एसआरए अधिकारी से मिली थी। 15 जुलाई तक एसआरए के संदर्भ में शिकायत संबंधी वक़्त देने की मांग की गई है। ओढ़ा परिसर से किसी को शिफ्ट नहीं किया गया है। केवल एसआरएस के लिए जो जगह खाली करानी है वहां अतिक्रमण के नाम पर तुगलगी तरीके से कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद आयुक्त ने रोक लगा दी थी उसके बाद हुई कार्रवाई से आश्चर्य हो रहा है। एकनाथ शिंदे ने इस मामले में 2 बजे बैठक बुलाई है। लेकिन उससे पहले ही मनपा का यह सारा कामकाज शुरू हो गया है।
गोंहे ने कहा कि भाजपा विधायक माधुरी मिसाल, गणेश बिड़कर और महापौर मुरलीधर मोहोल ने बिल्डर्स के साथ बैठक कर सुरक्षा के नाम पर लोगों के घर पर नज़र गड़ाया जा रहा है। स्थानीय नगरसेवक ने पुलिस और मनपा की इस कार्रवाई को गलत बताया है।