खटारा स्कूल बसों के निदेशकों के खिलाफ सख्त हुआ आरटीओ

पुणे : समाचार ऑनलाइन – खटारा बसों व अन्य वाहनों से स्कूली बच्चों की जान को खतरे में डाला जा रहा है। माता-पिता इस ओर ध्यान नहीं देते, जिससे बच्चों की जोखम भरी सवारी किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पुणे आरटीओ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की और सात दिनों के दौरान स्कूली बसों समेत अन्य वाहनों की गहराई से जांच कराई। इस जांच में कई खामियां प्राप्त हुई। प्रशासन ने इन्हें बख्शा नहीं और बड़ी राशि जुर्माना के तौर पर वसूली।
स्कूली बसों के लिए निर्धारित नियमों की पालना नहीं करने वाले बसों, रिक्शा मालिकों के विरुद्ध चलाए गए अभियान के दौरान परिवहन विभाग ने 200 खटारा बसों एवं रिक्शा मालिकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए जुर्माना के रूप में आठ लाख रुपए की राशि वसूली है। इस बारे में पुणे प्रादेशिक परिवहन अधिकारी संजीव भोर ने बताया कि स्कूली बसों एवं रिक्शाओं की जांच के लिए चलाए गए विशेष सप्ताह के दौरान कई कमियां पाई गई।
इन खामियों के चलते स्कूली बच्चों के यातायात में काम आ रही बसों, रिक्शा के मालिकों को नोटिस जारी की गई। इस अभियान के तहत बिना परमिट गाड़ी चलाना, अनफिट वाहन और क्षमता से अधिक बच्चों को बसों में बिठाना जैसी कई कमियां पाई गई। इन सभी यातायात मालिकों के विरुद्ध कार्यवाही कर आठ लाख रुपए की राशि का जुर्माना वसूल किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर वाहन मालिक ऑपरेटर्स नियमों का पालन नहीं करेंगे, मापदंड पूरे नहीं करेंगे तो उनका लाइसेंस छह माह के लिए जब्त किया जा सकता है।
आरटीओ के अनुसार स्कूल बस सुरक्षा मापदंड (सुरक्षा) का पालन नहीं करने जैसी अब तक दर्जनों शिकायतें दर्ज हुई है। कई शिकायतों में यह भी पाया गया कि निजी वाहन पंजीकरण वाले वाहनों से भी स्कूली बच्चों का यातायात करते हुए मिले। कई वाहन कंडम हो चुके हैं। कई वाहन मालिकों ने तो परमिट टैक्स तक नहीं चुकाया है। राज्य शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल बस पालिसी 2011 तैयार की गई थी। जिसके अनुसार वाहनों में स्कूली बच्चों को बैठने के लिए अच्छी सुविधा, उनमें सीसीटीवी कैमरे, पुरुष के साथ महिला अटेंडेंट के अलावा फर्स्ट ऐड जैसी सुविधाएं भी होना अनिवार्य की गई है। इन्हीं नियमों के तहत चलाए गए सप्ताह के दौरान स्कूली बसों एवं रिक्शाओं की जांच की गई थी