अनियमित दिनचर्या से कैंसर होने का खतरा 

धूम्रपान छोड़ने से मूत्राशय कैंसर का खतरा कम 

समाचार ऑनलाईन – धूम्रपान छोड़ देने से उम्रदराज महिलाओं में मूत्राशय कैंसर का खतरा कम होगा. धूम्रपान छोड़ देने के 10 साल के अंदर मूत्राशय कैंसर कई गुना तक कम हो जाएगा. शोधकर्ताओं ने कई स्टैटिस्टिकल मॉडल की मदद से धूम्रपान  छोड़ने और मूत्राशय कैंसर होने के बीच के समय की जांच की गई. इस शोध में 143.279 महिलाओं को शामिल किया गया. इस दौरान उनके धूम्रपान के बारे में जानकारी जुटाई गई.

लगातार बदलती शिफ्ट में काम करने और अधूरी नींद लेने वाले लोगों को कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि शरीर का समय बदलने या सर्केडियन रिदम खराब होने की वजह से कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है. जब प्रकृति के साथ शरीर का तालमेल सही नहीं होता तो शरीर कैंसर से लड़ने में भी सक्षम नहीं होता.

जीन में हो जाते हैं बदलाव 

पेंसिल्वेनिया की न्यू यूनिवर्सिटी के शोध में यह पता चला है कि बदलती शिफ्ट में काम करने और देश-विदेश की यात्रा में होने वाली थकान की वजह से जीन में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं जिससे ट्यूमर बढ़ता है और ट्यूमर से लड़ने वाली दवा का असर कम हो जाता है.

अध्ययन के मुताबिक सर्केडियन रिदम बाधित होने यानी लंबे समय तक अनियमित दिनचर्या की वजह से जींस की संरचना में बदलाव आने लगता है, जो कैंसर की कोशिकाओं को कई गुना बढ़ा देते हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, पूरी और समय पर नींद लेने से कैंसर के खतरों को कम किया जा सकता है. साथ ही उनका यह भी मानना है कि सही समय पर कैंसर थैेरेपी देने से कैंसर रोधी जीन सक्रिय हो जाते हैं, लेकिन अधूरी नींद और थकान के चलते कैंसर के इलाज का असर कम हो जाता है

देर रात जगना नुकसानदायक 

स्मार्टफोन स्क्रीन पर लंबे समय तक देखने या तेज लाइट में रहने से भी मानव के शरीर पर असर पड़ता है. इससे सोने और जागने का चक्र बिगड़ जाता है. इसलिए टेक्नोलॉजी का बहुत अधिक इस्तेमाल करने से बचने की कोशिश करें.
इसके अलावा जब हम अपने शरीर को देर रात तक जगने या अंधेरे में रहने के लिए मजबूर करते हैं तो शरीर आंतरिक रूप से खुद से लड़ता है. इस तरह की प्रक्रियाएं स्वाभाविक रूप से रात में होती हैं.