सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पी. बी सावंत का निधन

पुणे: सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति और यलगार परिषद के पूर्व अध्यक्ष पी. बी सावंत का निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। पुणे के घर में उन्होने अंतिम सांस ली। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पी.बी सावंत का जन्म 30 जून 1930 को हुआ था। वे सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज थे। सावंत ने मुम्बई विद्यापीठ से कानून (एल.एल.बी) की पढाई की थी। कानून की पदवि मिलते ही उन्होने शुरुआत में मुम्बई उच्च न्यायालय में और फिर सुप्रीम कोर्ट में वकील के रूप में काम किया। 1973 में मुम्बई उच्च न्यायालय में जज के रूप में नियुक्ति हुई। 1989 में सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति किये गये। 6 वर्ष तक उन्होने जज के रूप में काम किया। 1995 में वे रिटायर हो गये। उसके बाद वे सामाजिक कार्यो में एक्टिव हो गये।

राष्ट्रवादी नेता नवाब मलिक, पद्मसिन्ह पाटिल, सुरेश जैन और विजय कुमार गावित पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच के लिए 1 सितम्बर 2003 को बनाये गये पी.बी. सावंत कमिशन के अध्यक्ष थे। उन्होने अपनी रिपोर्ट फरवरी 2005 में दी थी। इसमे नवाब मलिक, पद्मसिह पाटिल और सुरेश जैन को दोषी और विजय कुमार गावित को दोष मुक्त ठहराया था। इसके बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश जैन और नवाब मलिक को इस्तीफ़ा देना पड़ा था।

इसके साथ ही उन्हे यलगार परिषद का अध्यक्ष बनाया गया था। पी.बी. सावंत का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा। उनके निधन से वकीलों और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर है।