नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – भारतीय रिजर्व बैंक ( आरबीआई ) ने ब्याज दर में कटौती कर लोगों को दिवाली तोहफा दिया है। रिजर्व बैंक ने आज मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश की। इसमें रेपो रेट में 0.25 फीसदी घटाने का ऐलान किया है। रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी ब्याज दर घटाएंगे और लोगों के होम लोन, ऑटो लोन आदि की ईएमआई कम हो जाएगी। इसके साथ ही इस साल अब तक ब्याज दर में 1.35 फीसदी तक की कटौती हो चुकी है।
इस बैठक ( एमपीसी बैठक ) में रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 5.15 फीसदी करने का फैसला हुआ है। इस फैसले के बाद आम लोगों के लिए बैंक से कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा। जानकारों की मानें तो महंगाई दर आरबीआई के तय दायरे में है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए रेपो रेट घटाने की उम्मीद पहले से थी। बता दें कि RBI ने अगस्त पॉलिसी में ब्याज दरें 0.35 फीसदी घटाई थी। गौरतलब हो कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर पांच फीसदी पर आ गई थी। यह दर छह साल का सबसे निचला स्तर है। रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 4.9 फीसदी किया गया।
GDP outlook for 2019-20 is revised to 6.1%, from 6.9% in previous Monetary Policy committee meet. For 2020-21, GDP outlook revised to 7.2% https://t.co/WwKb2CbiEy
— ANI (@ANI) October 4, 2019
क्या होती है रेपो रेट –
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक RBI से लोन लेते हैं यानी यह बैंकों के लिए फंड की लागत होती है। यह लागत घटने पर बैंक अपने लोन की ब्याज दर भी कम करते हैं। बता दें कि रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति कमिटी (एमपीसी) इसके बारे में निर्णय लेती है। मौद्रिक नीति समिति में आरबीआई के गवर्नर सहित 6 विशेषज्ञ होते हैं। इसमें तीन सदस्य केंद्र सरकार और तीन आरबीआई के होते है। समिति की अध्यक्षता गवर्नर करते हैं।