मिरगी के दौरे से निजात दिलाकर गरीब लड़की को दिया शादी का तोहफ़ा

पिंपरी। सँवाददाता : लंबे समय से मिरगी की बीमारी से ग्रस्त 21 वर्षीय लड़की को आदित्य बिरला मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने इस बीमारी से पूरी तरह छुटकारा दिलाने में सफलता पाई। छ घन्टे की सर्जरी के बाद यह लड़की अब पूरी तरह से स्वस्थ और मिरगी की बीमारी से दूर है। लड़की और उसके परिजनों ने बिरला हॉस्पिटल के डॉक्टरों का आभार माना। इस लड़की की कुछ दिनों में शादी होनेवाली है, डॉक्टरों ने उसे इस बीमारी से निजात दिलाकर उसे शादी का तोहफ़ा दिया है।
पैठण के पास एक छोटे से गाँव की रहने वाली गीता (बदला हुआ नाम), 7 साल की उम्र से ही मिरगी के दौरे से गंभीर रूप से पीड़ित थी और वह पैठण, औरंगाबाद, अहमदनगर और पुणे के कई स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज करा चुकी थी। गीता के पिता ने बताया, “उसके इलाज पर हमने काफी पैसा खर्च किया। इससे पहले भी हम कई डॉक्टरों से मिल चुके थे, लेकिन हर बार उसकी दवाइयों में थोड़ा-बहुत बदलाव कर दिया जाता था और यह सुनकर हमें बेहद निराशा होती थी कि उसे अपनी दवाओं को आगे भी जारी रखना होगा। किसी ने भी “पूर्ण रूप से इलाज” की संभावना नहीं बताई, या फिर दवाओं के अलावा दूसरे तरीकों से इलाज किए जाने को असंभव बताया।”
स्कूल और कॉलेज की टॉपर, गीता ने कहा, “कभी-कभी तो मुझे एक दिन में लगभग 4-5 बार दौरे पड़ते थे। अगर कोई भी मुझसे कुछ गलत कहता या मुझ पर चिल्लाता, तो मुझे तेज सिरदर्द और उल्टी के बाद जबरदस्त दौरा पड़ता था। कई बार तो मुझे स्कूल, कॉलेज और यहां तक कि सड़क पर चलते हुए भी दौरे पड़ चुके थे। मेरे शिक्षकों, साथी छात्रों के अलावा समय पर ऑटो रिक्शा चालकों ने भी मेरी मदद की है। लेकिन यह जानकर मुझे काफी शर्मिंदगी हुई कि लोगों ने मुझे उस अवस्था में देखा।” गीता फिलहाल एमए कर रही है और हाल ही में उसकी सगाई हुई है। 2020 में उसकी शादी होनी है। पुणे के एक हॉस्पिटल में इलाज के दौरान, एक डॉक्टर ने उसे आदित्य बिरला मेमोरियल हॉस्पिटल जाने की सलाह दी।
डॉ. निलेश कुरावले, कंसलटेंट एपलेप्सी सर्जन, आदित्य बिरला हॉस्पिटल, ने कहा, “जांच करने के बाद हमें पता चला कि गीता को बेहद जटिल आंशिक दौरे पड़ रहे थे, यानी एक प्रकार का सीज़्यूर जो पूरे मस्तिष्क के बजाय मस्तिष्क के एक हिस्से में पैदा होती है। सीज़्यूर से लोगों के होश-हवास पर असर पड़ता है और वे बेहोश हो सकते हैं। मेसियल टेम्पोरल स्क्लेरोसिस नामक एक स्थिति के कारण ऐसा होता है, जो सामान्य तौर पर अट्रैक्टिव टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी से संबंधित है। सरल शब्दों में, उसके मस्तिष्क के टेम्पोरल लोब का हिस्सा सिकुड़ गया था, जिसकी वजह से उसे दौरे पड़ते थे। सर्जरी के जरिए हम उसे दूर कर सके। “
आदित्य बिरला हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने गीता और उसके माता-पिता को पूरी स्थिति से अवगत कराया। चूंकि वे पैसों की तंगी से जूझ रहे थे, इसलिए आदित्य बिरला हॉस्पिटल की सीईओ रेखा दुबे व्यक्तिगत रूप से उनके माता-पिता से मिलीं, जो उनकी सेहत और सूरत के खराब होने को लेकर बेहद चिंतित थे, क्योंकि उसके सिर की सर्जरी होने वाली थी तथा कुछ महीनों के बाद उसकी शादी थी। दुबे ने इस बारे में बताया, “हमने उनकी आर्थिक हालत के बारे में पता किया और पाया कि वाकई उन्हें पैसों की बेहद जरूरत थी और वे इस सर्जरी का खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे, जो गीता के लिए हर दिन पड़ने वाले दौरे से छुटकारा पाने और खुशहाल विवाहित जीवन की एकमात्र उम्मीद थी। दुर्भाग्य से, छोटे गांवों में आज भी मिरगी के दौरे को एक कलंक माना जाता है। इसलिए हमने गीता के लिए निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की।”
सर्जरी 6 घंटे तक चली। गीता को अब दौरे से पूरी तरह से छुटकारा मिल चुका है और वह पूरी तरह से सामान्य ज़िंदगी जी सकती है। डॉ. निलेश कुरावले ने कहा, “उसकी शादी इसी साल होनी है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने सर्जरी इस तरह से की है कि उसके बाल बरकरार रहें। एक हफ्ते बाद वह अपने कॉलेज भी जा सकती है और कोई भी यह नहीं कह पाएगा कि उसके सिर की सर्जरी हुई थी। यह मेरे करियर में सबसे अच्छे परिणामों वाली सर्जरी में से एक रही है, जिसमें मैं वर्षों पुरानी एक ऐसी बीमारी का पूरी तरह से इलाज करने में सक्षम रहा हूँ, जो बहुत कम लोगों को होती है। अब वह हम सब की तरह ही सामान्य हो चुकी है तथा सर्जरी की वजह से उसकी जिंदगी और लंबी हो गई है।”
गीता की मां ने बताया, “हम आदित्य बिरला हॉस्पिटल के कर्मचारियों के बहुत आभारी हैं। सभी ने हमारी काफी मदद की है। हम पिछले 14 सालों से इस समस्या से परेशान थे और आखिरकार आज हमारी बेटी मिरगी के दौरे से छुटकारा पा चुकी है। अत्याधुनिक चिकित्सा के लिए पैसा एक चुनौती बन जाता है। यहां आकर मेरी बेटी को नया जीवन मिला है। खुशहाल रहने वाली गीता ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब मैं बिना किसी डर के कहीं भी जा सकती हूँ। मैं सभी की, खासतौर पर रेखा मैम की बहुत आभारी हूँ। मेरी शादी के लिए यह सबसे अच्छा तोहफ़ा है और हमेशा रहेगा।”