प्रशासकीय और आर्थिक अधिकार नहीं होने पर राज्यभर के महापौर ने जताया खेद 

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – महापौर का पद केवल शोभा का पद है। इसे किसी भी प्रकार का प्रशासकीय और वित्तीय अधिकार नहीं है। शहर में कोई समस्या पैदा हो जाए तो आम लोग महापौर को जिम्मेदार मानते हैं। महापौर से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद रहती है। लेकिन महापौर संबंधित अधिकारी वर्ग को निर्देश देने के अलावा कुछ नहीं कर सकते हैं। महापौर को कोई अधिकार नहीं है। यह पद केवल शोभा का पद है। इस तरह का दुख शहर के महापौर ने महाराष्ट्र महापौर परिषद में व्यक्त किया।

19वां महापौर परिषद का आयोजन सम्पन्न
अखिल भारतीय स्थानीय स्वराज संस्था, मुंबई व महाराष्ट्र महापौर परिषद द्वारा संयुक्त रूप से 19वां महापौर परिषद का आयोजन हाल ही में लोनावला में किया गया था। इस मौके पर राज्य की विभिन्न मनपा के महापौर नंदा जिचकार, पूर्व केंद्रीय सचिव जयराज फाटक, अखिल भारतीय स्थानीय स्वराज संस्था के अध्यक्ष व महाराष्ट्र महापौर परिषद के कार्याध्यक्ष रणजीत चव्हाण उपस्थित थे।

महापौर परिषद के अध्यक्ष व बृहन्मुंबई मनपा के महापौर प्रा। विश्वनाथ महाडेश्वर ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर के महापौर रहे हैं। ऐसे में उन्हें महापौरों की समस्या का अच्छी जानकारी है। ऐसे में महाराष्ट्र के 27 मनपा के महापौर को विशेष प्रशासकीय व वित्तीय अधिकारी देने की मांग की।महापौर राहुल जाधव ने मांगों पर ध्यान नहीं देने पर चिंता जताई

पिंपरी-चिंचवड़ के महापौर राहुल जाधव व अन्य उपस्थित सभी महापौर ने इससे पहले परिषद में महापौरों का प्रशासकीय व आर्थिक अधिकार देने के लिए विभिन्न प्रस्ताव पास कर भेजा था। इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं होने पर दुख जाहिर किया। आने वाले दिनों में महापौर परिषद जुलाई या अगस्त में पिंपरी-चिंचवड़ में आयोजित की जाएगी। राहुल जाधव ने कहा कि उस परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया जाएगा।

इस बीच महाराष्ट्र मनपा अधिनियम के प्रावधानों पर अमल, इसमें महापौरों को विभिन्न स्वरूप में प्रशासकीय ओर आर्थिक अधिकार देने, जरूरत के हिसाब से अधिनियम में बदलाव करने, मनपा परिषर की, शहर की दृष्टि से अन्य दिक्कतों को राज्य सरकार के समक्ष रखने के उद्देश्य ये राज्य की सभी 27 मनपा के महापौरों का परिषद स्थापित किया गया है। बृहन्मुंबई मनपा के महापौर इसके अध्यक्ष है।