ऑनलाइन बैंकिंग को पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी में आरबीआई 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड को रोकने के लिए रिज़र्व बैंक ट्रांजेक्शन पूरा करने के  लिए और कई प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए आरबीआई और वित्त मंत्रालय के अधिकारियो के बीच मंथन हो चुका है. अभी तक बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी )  का इस्तेमाल होता था. यह फ्रॉड को रोकने में कामयाब नहीं हो रहा है. आरबीआई के प्रस्ताव के अनुसार आगे ट्रांजेक्शन पूरा करने के लिए फेशियल रिकॉगनिस्शन, आइरिस और लोकेशन जैसी जानकारियां मांगी जा सकती है. यानी अब आपको लोकेशन भी बतानी होगी।

ऑनलाइन बैंकिंग के तहत टट्रांजेक्शन पूरा करने के लिए अभी टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल किया जाता हैं. ऑनलाइन प्लेटफार्म पर डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन पूरा करने में दो सुरक्षा स्तरों से गुजरना पड़ता है जिसे 2 एफए कहा जाता है. पहले स्तर में ग्राहक से कार्ड का डिटेल और सीवीवी नंबर की जानकारी लेकर ट्रांजेक्शन शुरू करने को मंजूरी दी जाती है. जबकि दूसरे स्तर में ओटीपी की जानकारी भरनी होती है, जो ग्राहक के संबंधित मोबाइल नंबर पर आता है.

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार देश में डिजिटल बैंकिंग में लगातार बढ़ोतरी होने के साथ ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे है. देश में डिजिटल लेनदेन 13% सालाना की दर से बढ़ रहा है. जबकि मोबाइल वॉलेट में 50% से ज्यादा की बढ़ोतरी हो रही है। 2019 में बैंकिग फ्रॉड से 71,543 करोड़ रुपए की चपत लगी थी. जबकि पिछले तीन महीने में ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के 8926 मामले सामने आये है. इसमें 18 सरकारी बैंको को करीब 1. 17 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है.