आरबीआई ने बढ़ाई ब्याज दरें, महंगा होगा लोन

चार साल बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी की वृद्धि

नई दिल्ली।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इस बढ़ोतरी के बाद नया रेपो रेट 6.25 फीसदी और नया रिवर्स रेपो रेट छह फीसदी हो गया है। इसके अलावा नकद आरक्षित अनुपात (कैश रिजर्व रेशियो) में कोई बदलाव न करते हुए इसे चार फीसदी ही रखा गया है।
माना जा रहा है कि आरबीआई के इस कदम के बाद नया लोन लेना तो महंगा होगा ही, पुराने लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी। इससे आम उपभोक्ताओं के लिए आवास और वाहन ऋण की ईएमआई के साथ उद्योगों के लिए भी पूंजी महंगी हो सकती है।

चार साल बाद बढ़ाई दरें
जनवरी 2014 के बाद पहली बार आरबीआई ने रेपो रेट में वृद्धि की है। यानी पिछले चार साल में पहली बार आरबीआई ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से पहले ही देश के तीन बड़े बैंकों एसबीआई, पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक ने बेंचमार्क ऋण दर यानी कोष की सीमान्त लागत (एमसीएलआर) आधारित दर में 0.1 फीसदी की वृद्धि की थी। यह दर 1 जून से लागू की गई थी। इससे उपभोक्ताओं के लिए कर्ज महंगा हो गया।