लगा था रासुका, हाईकोर्ट ने कहा- अधिकारियों की लापरवाही से शख्स जेल में बंद

प्रयागराज. ऑनलाइन टीम : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखे गए एक शख्स को रिहा करने के आदेश दिए हैं। यही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि  इस मामले में प्रशासन की तरफ से ‘दिखाई गई लापरवाही’ के चलते शख्स को ‘न्यायपूर्ण सुनवाई’ नहीं मिल पाई है। याचिकाकर्ता को मिले संवैधानिक सुरक्षा का हनन हुआ है। कोर्ट ने इसे संवैधानिक नियमों और प्रक्रिया का उल्लंघन बताते हुए शख्स को रिहा करने के आदेश दिए हैं।

बता दें कि इस शख्स को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में जून महीने में दंगा-फसाद करने और आगजनी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सिद्दीकी नामक इस शख्स पर आरोप था कि उसने 9 जून को  कथित रूप से दंगा-फसाद, आगजनी और कस्बे के कुछ लोगों के खिलाफ जातिसूचक अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। 10 दिन बाद सिद्दीकी को एक स्पेशल कोर्ट के जज ने जमानत दे दी थी, लेकिन उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट के तहत उन्हें जेल में ही रहना पड़ा।

जौनपुर के जिला मजिस्ट्रेट ने स्पेशल कोर्ट का आदेश आने के 20 दिनों बाद उन पर NSA लगा दिया था। डीएम का आदेश आने के बाद सिद्दीकी ने अपनी हिरासत को खारिज किए जाने की मांग की और कोर्ट में फाइल करने के लिए उचित दस्तावेज मांगे। हालांकि, उनके आग्रह को वक्त रहते पूरा नहीं किया गया, जिससे कि उनकी याचिका खारिज हो गई। सफाई में सरकारी वकीलों ने उनकी याचिका बढ़ाने में जानबूझकर देरी किए जाने के आरोपों से इनकार किया है।