मुंबई : Rashmi Shukla | वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) फोन टैपिंग मामले (Phone Tapping Case ) में केंद्र सरकार को कुछ महत्वपूर्ण कागजात देने के निर्देश दिए जाएं, ऐसी मांग करनेवाले राज्य सरकार के आवेदन पर केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने आपत्ति जताई है। राज्य सरकार का आवेदन अस्पष्ट व असमर्थनीय है, ऐसा गृह मंत्रालय ने दंडाधिकारी न्यायालय (magistrate’s court) में प्रस्तुत किए प्रतिज्ञापत्र में कहा है।
कुछ महत्वपूर्ण लोगों के फोन टैप कर गोपनीय जानकारी का खुलासा करने के बाद राज्य खुफिया विभाग द्वारा बीकेसी साइबर पुलिस थाने (BKC Cyber Police Station) में शिकायत दी है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला राज्य के खुफिया विभाग की प्रमुख थी उस समय फोन टैपिंग की घटना हुई थी। रश्मि शुक्ला ने अनुमति लिए बिना फोन टैप किया था, ऐसा आरोप सत्ता में काबिज महाविकास आघाडी (Mahavikas Aghadi) ने लगाया है।
इस गुप्त जानकारी वाली एक पेन ड्राइव व कुछ कागजात केंद्र सरकार (central government) के पास जमा किए जाने की बात राज्य सरकार (State government) ने आवेदन में स्पष्ट की है। इसलिए वो पेन ड्राइव व राज्य सरकार के पास जो पेन ड्राइव है वो एक जैसे ही हैं क्या? इसकी जांच करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से पत्र व्यवहार किया था। हालांकि केंद्र सरकार ने इसपर उत्तर नहीं दिया, उसके बाद राज्य सरकार ने दंडाधिकारी न्यायालय में याचिका दी।
इस याचिका पर गृह मंत्रालय ने आपत्ति जताया है। राज्य सरकार को सही मायने कौन से कागजात चाहिए और वो किसके पास से चाहिए यह आवेदन में स्पष्ट नहीं है। साथ ही सरकार का आवेदन असमर्थनीय है। इसलिए इसे खारिज करें, ऐसी विनती गृह मंत्रालय ने प्रतिज्ञापत्र के माध्यम से न्यायालय से की है। इस याचिका पर 18 दिसंबर को सुनवाई होने की संभावना है।
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