Ramdas Kadam | रामदास कदम को और एक झटका ; विधायक बनने का मौका फिर नहीं मिलेगा ? 

मुंबई : Ramdas Kadam | राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब (Anil Parab) के खिलाफ भाजपा नेता को जानकारी  उपलब्ध वाले विवादित शिवसेना  नेता रामदास कदम (Ramdas Kadam) को और एक झटका देने की शिवसेना (shivsena) नेतृत्व सूत्रों से मिली है। महाविकास आघाडी (Maha Vikas Aghadi) सरकार में मंत्री पद नहीं पाने वाले कदम को फिर से विधायक बनने का मौका नहीं दिए जाने की चर्चा है.

रामदास कदम फ़िलहाल विधान परिषद् में शिवसेना सदस्य है।  उनका कार्यकाल अगले साल पहले महीने में समाप्त होगा।   लेकिन सूत्रों से जानकारी मजिल मिली है कि उन्हें फिर से मौका नहीं दिया जाएगा।इसके बजाय नए चेहरे को विधान परिषद भेजा जाएगा। मनपा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नए उम्मीदवार का चयन किया जाएगा।
रामदास कदम शिवसेना नेता है।फडणवीस सरकार के कार्यकाल में उन्हें पर्यावरण मंत्री बनाया गया था।  साथ ही वह विरोधी पक्ष नेता भी थे।  शिवसेना के एक आक्रामक नेता के रूप में उनकी पहचान थी।  लेकिन कहा जा रहा है कि मंत्री पद से दूर किये जाने से वह नाराज थे।  इस नाराजगी के तहत उन्होंने अनिल परब के खिलाफ भाजपा नेता किरीट सोमैया को जानकारी उपलब्ध कराने का आरोप है।  मनसे नेता वैभव खेडेकर ने भी सी तरह का आरोप लगाया था।
इसके बाद रामदास कदम और आरटीआई एक्टिविस्ट प्रसाद कर्वे की बातचीत का ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था।  इसके बाद रामदास कदम पर संदेह जताया गया था।  इस पूरे घटनाक्रम से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नाराज है।  उनकी नाराजगी और शिवसैनिकों के गुस्से से बचने के लिए रामदास कदम इस बार दशहरा मेलावा में नहीं गए थे।  पार्टी नेतृत्व ने तय किया है कि उन्हें विधायकी नहीं देकर पार्टी के कई लोगों को सख्त संदेश दिया जाए।  कदम के बेटे योगेश कदम फ़िलहाल दापोली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक है।
शिवसेना में पार्टी अनुशासन का काफी महत्व है।  पार्टी अनुशासन तोड़ने पर या पार्टी के खिलाफ काम करने वाले व्यक्ति को नेतृत्व के साथ शिवसैनिकों की भी नाराजगी का सामना करना पड़ता है।  इसके कई उदाहरण देखने को मिले है।  रामदास कदम इसके ताज़ा उदाहरण साबित हो सकते है।