दहाड़े राजनाथ, कहा-चीन ने कदम पीछे खींचे, हमने कुछ भी नहीं खोया

नई दिल्ली . ऑनलाइन टीम : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ जारी गतिरोध से संसद को अवगत कराया और कहा कि मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि हमने चीन को बैकफुट पर लाने का काम किया है। हमारी सेनाएं अत्यंत बहादुरी से लद्दाख की ऊंची दुर्गम पहाडि़यों तथा कई मीटर बर्फ के बीच में भी सीमाओं की रक्षा करते हुए अडिग हैं और इसी कारण हमारा दबदबा  बना हुआ है।  हमारी सेनाओं ने शौर्य एवं बहादुरी का परिचय पेगोंग त्सो के दक्षिण एवं उत्तरी किनारे पर दिया है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राज्यसभा में चीन सीमा विवाद और पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति पर जानकारी दे रहे थे। कांग्रेस ने कल सदन में सवाल पूछा था।

राजनाथ ने कहा कि भारत और चीन के बीच डिसइंगेजमेंट पर सहमति बन गई है। पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट पर दोनों सेनाएं फॉरवर्ड सैनिकों को पीछे करेंगे। चीन जहां उत्तरी तट पर फिंगर 8 के पूर्व में जाएगा, वहीं भारतीय फिंगर 3 के पास स्थित मेजर धान सिंह थापा पोस्ट (परमानेंट बेस) पर रहेगी। पैंगोंग झील में डिसइंगेजमेंट पूरा होने के बाद, दोनों सेनाओं के बीच फिर बात होगी। चीन इस बात पर भी सहमत हुआ है कि पूर्ण डिसइंगेजमेंट के 48 घंटों के भीतर सीनियर कमांडर लेवल की बातचीत हो और आगे की कार्यवाही पर चर्चा हो। सिंह ने बताया, “पैंगोंग झील को लेकर हुए समझौते के मुताबिक, चीन अपनी सेना को फिंगर 8 से पूर्व की ओर रखेगा। इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकड़‍ियों को फिंगर 3 के पास अपने परमानेंट बेस पर रखेगा।”

पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हम नियंत्रण रेखा ( एलएसी) पर शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा, एलएसी पर शांति में किसी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति का हमारी द्विपक्षीय संबंध पर बुरा असर पड़ता है। कई उच्च स्तरीय संयुक्त बयान  में भी यह जिक्र किया गया है कि एलएसी तथा सीमाओं पर शांति कायम रखना द्विपक्षीय संबंधों  के लिए अत्यंत आवश्यक है।