Maharashtra में पाबंदियों पर ढील देने को लेकर राजेश टोपे का बड़ा बयान

मुंबई : ऑनलाइन टीम – Maharashtra | राज्य में कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) कम हो रही है। लेकिन, तीसरी लहर Maharashtra की पृष्ठभूमि में सावधानी बरती जा रही है। राज्य के कई हिस्सों में अभी भी पाबंदियां लागू हैं। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Health Minister Rajesh Tope) ने विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणी की है। जैसे कि मुंबई में लोकल कब शुरू होगी और राज्य में इसे कब अनलॉक (unlock) किया जाएगा। इस पर टोपे ने खुलकर बोला है।

राजेश टोपे ने कहा कि टीके की दोनों खुराक लेने वालों के लिए प्रतिबंधों में ढील देने की जरूरत है। तीसरी लहर की पृष्ठभूमि के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा- तीसरी लहर आ सकती है लेकिन, यह हमारे ऊपर है कि यह कब आएगी। अगर आप कोरोना के नियमों का ठीक से पालन करते हैं, तो आप कोरोना की तीसरी लहर को रोक सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण रामबाण है।

अनलॉक को लेकर बोले राजेश टोपे –
राजेश टोपे ने कहा- आईसीएमआर ने पहला मरीज मिलने के बाद से कुछ नियम बनाए हैं। महाराष्ट्र उसी नियम के तहत काम कर रहा है। ICRO ने सिरो सर्वे किया है। वे हमें उसी के अनुसार बताएं, प्रोटोकॉल दें। छूट कैसे दी जा सकती है, इस बारे में सुझाव दे। क्योंकि अब केंद्र की टीम आ गई है और उन्होंने पाबंदियों का पालन करने, टेस्टिंग बढ़ाने जैसे निर्देश दिए हैं। जैसे वे कह रहे है हम नियमों का पालन कर रहे हैं। ताकि हम ICMR मार्गदर्शन में निर्णय ले सके।

केंद्र को टीकाकरण में तेजी लानी चाहिए –
महाराष्ट्र के पास दो महीने में राज्य का शत-प्रतिशत टीकाकरण पूरा करने की क्षमता है। लेकिन, वैक्सीन उस दर पर उपलब्ध होनी चाहिए। केंद्र को टीकाकरण में तेजी लाने में मदद करनी चाहिए। यदि 60 से 70 प्रतिशत टीकाकरण किया जाता है। तो सामूहिक प्रतिरक्षा बनाई जाएगी।

इसलिए अभी तक लोकल को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया –
धीरे-धीरे हम प्रतिबंध हटा रहे हैं। निगेटिव रिपोर्ट आने तक एयरपोर्ट पर परमिशन नहीं थी। अब जबकि वैक्सीन की दोनों डोज ले ली गई हैं, वैसे यात्री मुंबई आ सकते है। शायद रेलवे के पास इतनी जनशक्ति नहीं है। साथ ही सवाल उठता है कि क्या इतनी भीड़ में यात्रियों की जांच की जा सकती है। इसलिए अभी लोकल को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। लेकिन, अगर दो टीके लिए जाते हैं, तो कई प्रतिबंधों में ढील देने की जरूरत है। इन विचारों से कोई नाराज नहीं है। इसलिए उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री और टैक्स फोर्स सही फैसला लेंगे।