राजदीप की मुश्किलें बढ़ी, अवमानना का मामला दर्ज

सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायपालिका के संबंध में आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ अवमानना मामला दर्ज किया है। यह मामला आस्था खुराना द्वारा अधिवक्ता ओम प्रकाश परिहार के जरिए दायर 

किये गये एक याचिका के बाद दर्ज किया गया है। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 129 के तहत सरदेसाई के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।

अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने 17 सितंबर 2020 को सरदेसाई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने से इनकार कर दिया था। याचिका में कहा गया है कि देश के संविधान के अनुच्छेद 129 के तहत याचिकाकर्ता द्वारा यह याचिका दायर की जा रही है। यह याचिका इस न्यायालय द्वारा पारित प्रत्येक आदेश पर टिप्पणियों को लेकर है जिससे देश के नागरिकों के मन में सर्वोच्च न्यायालय की छवि खराब होती है।

संविधान के अनुच्छेद 129 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट एक रिकॉर्ड कोर्ट होगा और उस कोर्ट के पास किसी भी परिस्थिति में अवमानना के लि सज़ा देने का अधिकार होगा। याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस से पहले विभिन्न ऐतिहासिक फैसले लिये हैं और प्रतिवादी ने प्रत्येक फैसले पर विभिन्न अपमान जनक टिप्पणियां की हैं और अदालत की निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

याचिका में अधिवक्ता प्रशांत भूषण पर अदालत की अवमानना के लिए एक रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले के संबंध में सरदेसाई द्वारा 31 अगस्त, 2020 को किए गए ट्वीट का उल्लेख किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर भी अवमानना का ऐसा ही केस दायर किया गया हैजिसमें उन्हे दोषी ठहराया गया था। बाद में उनपर एक रुपये का जुर्माना लगा। कोर्ट ने भूषण को 15 सितंबर तक उसकी रजिस्ट्री में एक रुपये की जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जुर्माना राशि जमा न कराने पर तीन महीने की जेल हो सकती है और वकालत से तीन साल तक प्रतिबंधित किया जा सकता है। उसके बाद प्रशांत भूषण ने एक रुपये का जुर्माना र दिया था।