ईडी के सामने पेशी से पहले राज ठाकरे को हाईकोर्ट से बड़ी राहत

मुंबई : समाचार ऑनलाईन –  चुनाव में कोई राजनीतिक दल चुनाव नहीं भी लड़ती है तो उसे सभाएं करने का अधिकार है। यह स्पष्ट राय मुंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सहित अन्य कई राजनीतिक दलों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि पार्टी का उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं हो तो उस पार्टी को सभाएं करने से रोका जाए।

बुधवार को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई
पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता संदीप गिड्डे ने एड्। अविनाश आव्हाड़ और एड्। सूरज चकोर की तरफ से दायर जनहित याचिका पर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायाधीश भारती डांगरे के खंडपीठ में सुनवाई हुई।
मनसे ने देशभर में एक भी उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था

याचिका में कहा गया था कि इस बार लोकसभा चुनाव में मनसे ने देशभर में एक भी उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। उसके बावजूद पार्टी के अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्य भर में सभाएं करने के साथ पदयात्रा किया। उनकी इन सभाओं के खर्च का ब्यौरा, किस उम्मीदवार के लिए उन्होंने यह खर्च दिखाया है, इसकी स्पष्टता होना आवश्यक है। अगर इन बातों की पूर्ति नहीं होती है तो भविष्य में होने वाले चुनाव में जहां पर मनसे के उम्मीदवार नहीं होेंगे पर मनसे सहित को सभा की परमिशन नहीं दी जाए और दिया गया हो तो उसे रद्द किया जाए।

इस पर कोर्ट ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल हो वह आचारसंहिता के कक्ष में आते हैं। ऐसे में वह सभी प्रावधानों के लिए पात्र है। लेकिन उम्मीदवार हो या न हो। खर्च के संबंध में इससे पहले चुनाव आयोग ने संबंधित पार्टी को निर्देश दिया है। इसके बावजूद इसे कोर्ट में बताया गया। कोर्ट ने कहा कि चुनाव में अन्य पार्टियों के घोषणापत्र पर मतदाताओं को जागरुक करने के लिए सभा करने की राजनीतिक दलों को इजाजत है। इसलिए इसमें चुनाव आयोग के निर्णय के अनुसार कार्रवाई होती है। हाईकोर्ट को निर्देश देने की जरूरत नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया।