वायु चक्रवात के प्रभाव से प्री-मानसून में जोरदार बारिश होगी

पुणे : समाचार ऑनलाईन – अरब सागर में चक्रवाती क्षेत्र बनने से भारत के पश्चिमी छोर पर वायु नामक चक्रवात की स्थिति बन गई है। अनुमान है कि अगले दो दिनों और उसके बाद यह निम्न दबाव वाला क्षेत्र और घना हो जाएगा व समुद्री विक्षोभ के कारण चक्रवात में बदल जाएगा। इस वायु चक्रवात का असर कोंकण, गोवा व मध्य महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में होगा तथा अगले दो दिनों में प्री-मानसून की जोरदार बारिश होगी।

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार शनिवार, 8 जून को मानसून केरल में दाखिल हो गया तथा कन्नूर, मदुरई व देश के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में सक्रिय हो चुका है। वायु चक्रवात का असर सौराष्ट्र, कच्छ व पाकिस्तान में भी महसूस होगा और वहां भी प्री-मानसून बारिश होगी। वायु साइक्लोन से मानसून पर किसी भी तरह का असर नहीं होगा।
पुणे मौसम विभाग के प्रमुख डॉ। अनुपम काश्यपि ने कहा कि अगले 4 दिनों में कर्नाटक के भीतरी क्षेत्रों में मानसून सक्रिय होगा। महाराष्ट्र में 13 से 14 जून के बीच मानसून का आगमन होने की संभावना है, लेकिन मराठवाड़ा व विदर्भ में यह देरी से दाखिल होगा। जुलाई व अगस्त में मानसून महाराष्ट्र को राहत देने वाला साबित होगा।

वायु चक्रवात के कारण मौसम विज्ञान विभाग ने मछुआरों को अगले दो दिनों तक समुद्र में न जाने की हिदायत दी है। हालांकि वायु साइक्लोन महाराष्ट्र के तट से नहीं टकराएगा, लेकिन यह कोंकण के तटीय क्षेत्र से 300 किलोमीटर फासले पर रहेगा और प्रभाव डालेगा। इसकी वजह से कोंकण में प्री-मानसून सीजन की अच्छी बारिश होगी। सोमवार को पुणे में भी दोपहर के बाद बादल छाए हुए थे। शाम तक कुछ क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हुई। लंबे समय से गर्मी से जूझ रहे पुणेवासियों को यह बारिश होने से चिलचिलाती धूप, गर्मी और उमस भरे वातावरण से राहत मिली।

विदर्भ में धीरे-धीरे गिरने लगा पारा
मौसम विज्ञान विभाग की ओर से बताया गया कि विदर्भ में अप्रैल व मई महीने में अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार गया था। कई स्थानों में लोग गर्मी की तपन से झुलस रहे थे, लेकिन मानसून के आगमन से अब धीरे-धीरे पारा गिरने लगा है। हालांकि मौसम विभाग ने यह भी कहा कि वहां का तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा।