रेलवे का बड़ा फैसला… ‘खलासी’ या ‘बंगला चपरासी’ के पदों पर अब नहीं होगी भर्ती

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : रेलवे ने वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों पर काम करने वाले ‘खलासी’ या ‘बंगला चपरासी’ के पद पर किसी भी नई नियुक्तियों को रोकने का फैसला किया गया है, लेकिन महाप्रबंधकों को ऐसे रिक्त पदों पर नियमित कर्मचारियों को भरने की अनुमति दी है।

रेलवे द्वारा जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई। हालांकि, रेलवे बोर्ड द्वारा अगस्त में एक पत्र में संकेत दिया गया था कि लंबे समय से चली आ रही ‘खलासी’ की नियुक्ति प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। उसके बाद एक दिसंबर को जारी मौजूदा आदेश में संकेत दिया गया कि इसे जारी रखा जाएगा, हालांकि नई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी।

दरअसल, रेलवे में बहुत सारे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अफसर अपने बंगले पर रख लेते थे। नियमानुसार क्लास वन के रेल अधिकारियों को अपने बंगले पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रखने का अधिकार है। बंगले पर तीन साल तक कार्य करने के बाद तैनाती रेलवे कर्मचारी के रूप में हो जाती थी। रेलकर्मी बनने के बाद अफसर फिर से नई तैनाती कर लेते थे। इससे रेलवे का कामकाज प्रभावित होता था, धनउगाही की भी शिकायतें आई थीं।

रेलवे बोर्ड ने आदेश में कहा है कि टेलीफोन अटेंडेंट सह डाक खलासी (टीएडीके) संबंधी मामले की समीक्षा की जा रही है। आदेश में कहा गया है, ‘‘टीएडीके की नियुक्ति संबंधी मामला रेलवे बोर्ड में समीक्षाधीन है, इसलिए यह फैसला किया गया है कि टीएडीके के स्थानापन्न के तौर पर नए लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जानी चाहिए और न ही तत्काल नियुक्ति की जानी चाहिए। आदेश में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, एक जुलाई 2020 से इस प्रकार की नियुक्तियों को दी गई मंजूरी के मामलों की समीक्षा की जा सकती है और इसकी स्थिति बोर्ड को बताई जाएगी। इसका सभी रेल प्रतिष्ठानों में सख्ती से पालन किया जाए। बोर्ड ने गुरुवार को सभी महाप्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।