माँ करती है झाड़ू-पोछे का काम, बेटे को मिली ISRO में नौकरी

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – मुंबई के राहुल घोडके नामक युवक ने झोपड़पट्टी से लेकर देश की प्रतिष्ठित स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) तक का सफर तय करने में कामयाबी हासिल की है. राहुल को ISRO द्वारा टेक्नीशियन पद पर चुना गया है. हालाँकि यह सफर इतना आसान नहीं था, क्योंकि जब वे स्कूल में थे तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. फिर उन पर गरीबी की मार पड़ गई. इसके बाद माँ ने घर-घर झाड़ू-पोछा-बर्तन कर राहुल की परवरिश की और आज इसी बेटे ने बर्तन मांजने वाली माँ का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है. राहुल की ISRO में नौकरी लगने की बात पता चलते ही आस-पड़ोसी, रिश्तेदार और दोस्त लगातार उनके घर आकर माँ-बेटे को बधाईयाँ दे रहे हैं.

10X10 के घर में रहते हैं राहुल

राहुल अपनी माँ के साथ चेंबूर इलाके में मरौली चर्च स्थित नालंदा नगर की झोपड़पट्टी में 10X10 की एक छोटी सी खोली या मकान में रहते हैं. राहुल दसवीं कक्षा की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास हुए थे और इसी दौरान पिता की मृत्यु हो गई. सभी बाधाओं के बावजूद, उन्होंने धैर्य नहीं खोया और अपनी पढ़ाई जारी रखी.

पिता की मौत के बाद राहुल बेहद निराश हो गए थे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. परिवार की सारी जिम्मेदारी राहुल के कंधे पर आ गई. राहुल ने शादी में कैटरर का काम करते हुए, पढ़ाई जारी रखी. वहीं माँ भी दूसरे लोगों के घर बर्तन और झाड़ू-पोछे का काम करने लगी.

कक्षा 12 वीं में हुए थे फेल

हालाँकि काम के करने के कारण राहुल पढ़ाई पर पूरा ध्यान नहीं दे पाएं, इसलिए बारहवीं की परीक्षा में फेल हो गए. इसके बाद उन्होंने चेंबूर के समीप गोवंडी में आइटीआई कर इलेक्ट्रॉनिक कोर्स किया. राहुल आईटीआई में अव्वल रहे और फर्स्ट डिवीजन से पास हुए. पश्चात उन्होंने एल एंड टी कंपनी में नौकरी की और साथ ही साथ इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी करते रहे.

ISRO के एंट्रेस में आरक्षित उम्मीदवारों की लिस्ट में पाया तीसरा स्थान

कंपनी में काम करने के दौरान, राहुल ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. इसी दौरान राहुल ने इसरो में डिप्लोमा इंजीनियर के पद के लिए आवेदन किया. ISRO द्वारा आयोजित एंट्रेस परीक्षा में वे देश भर के आरक्षित उम्मीदवारों की सूची में तीसरे और ओपन श्रेणी में 17 वें स्थान पर रहे. राहुल पिछले 2 महीनों से इसरो में एक तकनीशियन के रूप में तैनात हैं.