नस्लवादी फैंस ने बुमराह और सिराज को कहा काले कुत्ते, भड़के भारतीय क्रिकेटर, कोहली ने कहा-शर्मनाक 

सिडनी. ऑनलाइन टीम : ‘ब्राउन डॉग’, ‘मंकी’, जैसी नस्लीय टिप्पणियों के अलावा क्रिकेटर्स पर गालियों की बौछार। ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों और क्रिकेटर्स की शर्मनाक हरकत ने सभ्य कहे जाने वाले खेल को कलंकित किया है। सिडनी टेस्ट में भारतीय पेसर्स मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह पहले दिन से ही कुछ दर्शकों के निशाने पर रहे।  नस्लवादी फैंस ने बुमराह और सिराज से कहा, “तुम काले कुत्ते, घर चले जाओ। हम तुमको पसंद नहीं करते।” दोनों क्रिकेटर्स को ‘मंकी, वैंकर और मदर***’ तक कहा गया। घटना से जुड़े कुछ वीडियोज भी सामने आए हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलियाई फैंस की बदसलूकी सुनी जा सकती है।

ऑस्ट्रेलिया में खेल के ज्यादातर स्तरों पर अपशब्दों की प्रवृत्ति आम है, लेकिन जिस एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को अपशब्द कहने के मामले में खास महारथ हासिल थी, वे थे तेज गेंदबाज मर्व ह्यूज। उनकी धमकाने और आक्रामक गेंदबाजी की शैली में अक्सर मजाकिया टिप्पणियों और कटु गालियों का मिश्रण हुआ करता था। कई बार वे अपशब्द कहते-कहते अपमान भी करने लगते थे।

अपशब्द कहने की ये प्रवृत्ति 2007-08 में भारतीय दल के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मीडिया की सुर्खी तब बनी, जब हरभजन सिंह पर एंड्रू सायमंडस पर कथित तौर पर नस्लीय टिप्पणी करने के आरोप लगे थे। हालांकि यह आरोप साबित नहीं हो सका और हरभजन पर लगी तीन मैचों की पाबंदी वापस ले ली गई। वैसे सायमंड्स ने स्वीकार किया था कि उन्होंने ही दो खिलाड़ियों के बीच आक्रामक भाषा का प्रयोग कर अपशब्द कहने की शुरुआत की थी।

देखा जा ए तो अपशब्दों की प्रवृत्ति (स्लेजिंग) एक ऐसी शब्दावली है, जिसका क्रिकेट में इस्तेमाल कर कुछ खिलाड़ी विपक्षी खिलाड़ी को अपमानित कर, या मौखिक तौर पर धमका कर फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। ऐसा करने का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी की एकाग्रता को भंग करने की कोशिश करना है, जिससे वो गलती या कमजोर प्रदर्शन करने को मजबूर हो। ऐसा करना काफी प्रभावी हो सकता है क्योंकि बल्लेबाज, गेंदबाज और कुछ खास क्षेत्ररक्षकों के काफी नजदीक होते हैं; परिस्थिति ठीक इसके विपरीत भी हो सकती है। इस तरह का अपमान प्रत्यक्ष तौर पर किया जा सकता है, या क्षेत्ररक्षक बल्लेबाज को सुनाने के उद्देश्य से उंची आवाज में आपस में बातचीत द्वारा भी ऐसा कर सकते हैं।

सिडनी टेस्ट में जो कुछ हुआ, वह इससे भी कई गुना आगे है। भारतीय क्रिकेट टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली ने इन घटनाओं पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी। वे भी पहले ऑस्ट्रेलिया में बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग करते हुए नस्लीय टिप्पणियों के शिकार हो चुके हैं। कोहली ने लिखा, “नस्लभेदी अपशब्द किसी रूप में स्वीकार्य नहीं हैं। बाउंड्री लाइन्स पर बेहद घटिया बातें कही जा चुकी हैं, पहले ऐसी कई घटनाओं से मैं दो-चार हुआ हूं, यह बेहद बुरा बर्ताव है। मैदान पर ऐसा होते हुए देखना बेहद दुखद है। आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने नस्लीय टिप्पणी को ‘बेहद शर्मनाक’ करार दिया। उन्होंने साथ ही कहा कि आस्ट्रेलिया में ऐसा होते हुए देखना बहुत दुखद है।  जब हम पिछले साल इंग्लैंड गए थे, तो हमारे कुछ खिलाड़ियों को नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। अब भी कुछ नहीं बदला है।