Rabies | पुणे में रेबीज की वजह से मरने वालों की संख्या शून्य हुई, मनपा दवारा 60 हज़ार कुत्तों का बंध्याकरण और  वैक्सीनेशन कराया गया  

पुणे (Pune News), 20 अगस्त : Rabies | मनपा (pune corporation) क्षेत्र में आवारा कुत्तों की समस्या का हल ढूंढने के लिए पुणे मनपा (Pune Municipal Corporation) द्वारा विभिन्न उपाय किये जा रहे है।  इसका ही परिणाम है कि 2018 से पुणे (Pune) शहर और आसपास के परिसर में रेबीज (Rabies) की वजह से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं होने की जानकारी सामने आई है।  पिछले चार वर्षों में 60 हज़ार से अधिक कुत्तों बंध्याकरण (Sterilization) और एंटी रेबीज वेक्सीनेशन (Anti Rabies Vaccination) किये जाने की जानकारी मनपा ने दी है।

 

2018 से एक भी मरीज की रेबीज से मौत नहीं

1997 में पुणे पुणे (Pune) में रेबीज (Rabies) से मरने वालों की संख्या 57 थी।  वह 2017 तक 10 तक कम हो गया था।  जबकि 2018 में रेबीज से चार लोगों की मौत (Death) हुई थी।  2018 के बाद आवारा कुत्तों (Dogs) पर प्रभावी माने जाने वाले रेबीज वैक्सीन (rabies vaccine) देने का निर्णय लिया गया था।  इससे पहले केवल एक वर्ष वैक्सीन दी जाती थी।  इस निर्णय के बाद रेबीज की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन की अपील  का पॉजिटिव रिस्पांस

रेबीज से होने वाली मौत की संख्या 2023 तक शून्य पर लाने का वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (World Health Organization) का प्रयास है।  इसके अनुसार दुनियाभर में विभिन्न उपाय किये जा रहे है।  इस अपील को पॉजिटिव रिस्पांस देते हुए पुणे मनपा (Pune Municipal Corporation) ने अपने उपायों पर ज़ोर दिया है।

मनपा द्वारा विभिन्न उपाय

2009 से 2019 के इन दस वर्षों में पुणे में आवारा कुत्तों की संख्या 40 हज़ार से ढाई लाख पहुंच गई थी।  इस पर ध्यान देते हुए मनपा ने आवारा कुत्तों के बंध्याकर, एंटी रेबीज वैक्सीन (anti rabies vaccine) देने के साथ आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए नए वाहन लेना, उसके लिए श्वानगृह बनाना, श्यानगृह की क्षमता बढ़ाने, कॉलर लगाने जैसे उपाय किये जा रहे है।

मनपा दवारा दो संस्था की नियुक्ति

इन आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए मनपा के पास पांच वाहन है।  इसमें और 15 वाहन जुड़ जाएंगे।  साथ ही शहर के अलग-अलग हिस्सों में कुत्तों के बंध्याकरण और वैक्सीनेशन के लिए सात नए केंद्र शुरू किये जाएंगे।

साथ ही कुत्तों को पकड़ने, उनका बंध्याकरण करने और उसे फिर से छोड़ देने के लिए दो संस्थाओं की नियुक्ति की गई है।  काम तेज़ी से हो इसलिए और दो संस्थाओं की नियुक्ति पर विचार किया जा रहा है।

 

 

 

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