Pune: शहर के विशिष्ठ बैंक के अधिकारी व कर्मचारी को 23 मार्च से ‘फ्रंटलाइन वर्कर्स’ के रूप में वैक्सीनेशन; मनपा के स्वास्थ्य विभाग की पहल संदेह के घेरे में

पुणे : कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है। ऐसे में कोरोना वैक्सीनेशन में तेजी लाने की मांग की जा रही है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक सिर्फ स्वास्थ्य विभाग, सरकारी और अर्ध-सरकारी सेवा में काम करने वाले फ्रंट लाइन वर्कर्स, साथ ही 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण का आदेश दिया है। हालांकि, पुणे मनपा ने एक कदम आगे बढाते हुए 23 मार्च से कुछ निर्धारित ‘बैंक’  के कर्मचारियों के टीकाकरण की अनुमति दी है। जिससे ‘कोरोना वारियर्स’ के रूप में काम करने वाले अन्य वर्गों में असंतोष पैदा होने की संभावना है।

 

देश में 16 जनवरी को कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया है। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मचारी, कोरोना रोकथाम के लिए काम करने वाले सरकारी और अर्ध-सरकारी सेवा से जुड़े कर्मचारियों का टीकाकरण शुरू हुआ। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण और 45 वर्ष से अधिक आयु के बीमार लोगों का टीकाकरण 1 मार्च से शुरू किया गया। 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी को टीकाकरण की अनुमति दी गई है। पुणे मनपा की सीमा में अब तक वैक्सीन की 6 लाख खुराक दिया जा चुका है, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हे केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार 28 दिनों के अंदर दूसरी खुराक लेनी थी। इस बीच, केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह जिस व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में 100 से अधिक कर्मचारी हैं वहाँ जाकर 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने की अनुमति दी थी। व्यवसायिक और औद्योगिक प्रतिष्ठान में आकर वैक्सीन करने की मांग स्थानीय स्वराज्य संस्था के पास दें,यह शर्त रखी गई है।

शुरुआती चरणों में टीके के प्रभाव को लेकर संदेह कम होने के बाद वैक्सीनेशन केंद्रों की संख्या और रफ्तार बढ़ाने की मांग विभिन्न वर्गों से की जाने लगी। कोरोना काल मे कोविड योद्धा कए रूप में काम करने वाले स्वयंसेवी संस्था, बड़े सहकारी गृहरचना, पत्रकार संगठन, बैंक, बैंक कर्मचारियों के संगठन की तरह विविध सस्थात्मक संगठन की ओर से वैक्सीनेशन की मांग की जा रही है।

ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ सह स्वास्थ्य प्रमुख ने निर्धारित बैंक के विभागीय कार्यालय को पत्र लिख कर वैक्सीनेशन की सूचना दी है। इस संदर्भ में सहआरोग्य प्रमुख डॉ वैशाली जाधव से पूछने पर उन्होने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 22 मार्च को बैंक कर्मचारी को कोविड वारियर्स के रूप में घोषित किया है। इसके बाद अब फ्रंटलाइन वर्कर्स की तरह उन्हे भी वैक्सीनेशन की अनुमति दी गई है।

इस संदर्भ में मनपा आयुक्त विक्रम कुमार ने कहा कि बैंक कर्मचारी व अधिकारी को कोविड वरियर्स घोषित किया गया है। लेकिन फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में वैक्सीनेशन की अनुमति मनपा की ओर से दी गई है क्या? इसकी जानकारी ली जाएगी।

केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवा में काम करने वाले डॉक्टर से लेकर सभी स्टाफ, लैब, सरकारी के साथ स्थानीय स्वायत्त संस्था के सभी कर्मचारी व अधिकारी को फ्रंट्लाइन वर्कर माना है। इस सेवा में काम करने वाले 18 वर्ष से अधिक सभी लोगो को वैक्सीनेशन की इजाजत है।