पुणे यूनिवर्सिटी में ‘एमसीए’ के कोर्स में किए गए बदलाव

पुणे : समाचार – सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी एक वर्ल्ड फेमस यूनिवर्सिटी है. यहां के कोर्स में निरंतर इस तरह से बदलाव किए जाते हैं कि ताकि विद्यार्थी व्यवसायभिमुख बनें और इससे उद्योग-धंधों को जरूरी स्किल्ड कर्मचारी मिलते रहे. इसके मद्देनजर 2019 में एमसीए के कोर्स की पुनर्रचना की गई. एमसीए के दूसरे वर्ष 2020-21 में यह कोर्स लागू हो रहा है. कोर्स लागू होने से पहले इस कोर्स में हुए किए गए बदलाव, उसके पीछे की कहानी व मूल्यांकन पद्धति की शिक्षकों को जानकारी देने के लिए झील इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, कम्प्यूटर एप्लीकेशन एंड रिसर्च व सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से शनिवार 9 नवंबर को वर्कशॉप आयोजित किया गया था.

इस वर्कशॉप का उद्घाटन यूनिवर्सिटी के व्यवस्थापन परिषद व सिनेट मेंबर डॉ. महेश आबाले, कॉमर्स व मैनेजमेंट ब्रांच के कुलसचिव व डीन डॉ. प्रफुल्ल पवार के हाथों किया गया. इस मौके पर उन्होंने अपने भाषण में एमसीए के नये कोर्स तैयार करने के पीछे का उद्देश्य बताया. डॉ. महेश आबाले ने यह कोर्स कैसा है? इस पर मार्गदर्शन किया. यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ ऑर्गेनाइजेशन मैनेजमेंट के स्टडी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पराग कालकर ने नये विषय शामिल करने के संदर्भ में मार्गदर्शन किया. यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ प्रोडक्शन के कोर्स बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. शैलेश कांसडे, यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ कम्प्यूटर मैनेजमेंट के स्टडी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अमोल गोजे ने एमसीए के नये कोर्स को लेकर मार्गदर्शन किया. जिबाकार के संचालक डॉ. अमोद मरकले ने वर्कशॉप की विस्तृत जानकारी दी.

उन्होंने सबसे पहले उपस्थित अध्यापकों के साथ अलग-अलग विषय के अनुसार कोर्स में बदलाव की जानकारी देते हुए इस पर चर्चा की. वर्कशॉप में सभी उपस्थित शिक्षकों को प्रमाणपत्र दिए गए. कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक संभाजीराव काटकर, संस्था के सचिव प्रा. जयेश काटकर, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रदीप खांदवे का कुशल मार्गदर्शन प्राप्त हुआ.