Pune | उंब्रज में राउत दंपति ने 5,400 लोगों की जान बचाई

पुणे :  (Pune) उंब्रज (ता. जुन्नर) के डॉ सदानंद राउत (Dr. Sadanand Raut) और उनकी पत्नी पल्लवी (Pallavi) जिले में सर्पदंश किए गए आदिवासियों और किसान (farmer) भाईयों के जीवन रक्षक देवदूत बन गए हैं। सामाजिक भावना से वह अब तक 5400 लोगों की जान बचा चुके हैं। (Pune) उन्होंने सर्पदंश के मृत्यु दर (death rate) को शून्य करने के लिए राज्य भर में ‘जीरो स्नेक बाइट मोर्टेलिटी प्रोजेक्ट’ (Zero Snake Bite Mortality Project) लागू किया है। इसके माध्यम से वे पिछले तीस वर्षों से सांप के काटने से होने वाली मृत्यु दर को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सर्पदंश नियंत्रण व प्रतिबंध प्रबंधन विशेषज्ञों की समिति पर मृत्यु दर को कम करने के लिए डॉ. राउत की सर्पदंश समिति में सदस्य के रूप में नियुक्ति की। राउत दंपति देश में जहरीले और अर्ध-विषैले सांपों की 270 प्रजातियों के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने और सांप के काटने के बाद उनकी देखभाल करने के लिए आदिवासी गांवों, स्कूलों और कॉलेजों में व्याख्यान के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाते हैं। उनके द्वारा विकसित किए गए सर्पदंश इलाज पद्धति की देश के साथ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ए प्रो. इमगेरीटस, डॉ. डेविड यॉरेल ने भी दखल ली। डॉ. सदानंद राउत अब तक ऑस्ट्रेलिय, ऑसफोर्ड यूनिवर्सिटी, नेपाल, सह्याद्री चैनल पर व्याख्यान देकर सर्पदंश को लेकर प्रबोधन किया। रौत दंपति का शिवनेरी भूषण के साथ अनेक पुरस्कार से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने सम्मानित किया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक सर्पदंश को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हम ‘जीरो स्नेक बाइट मोर्टेलिटी प्रोजेक्ट’ के जरिए जमीनी स्तर तक पहुंच रहे हैं और नागरिकों में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। जरूरी नहीं कि जिस सांप ने काटा है वह सांप जहरीला हो। बिना किसी डर के उचित प्राथमिक उपचार से लोगों की जान बचाई जा सकती है।

ऐसे करते हैं जनजागृति (Pune)

सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार

सांपों पर ऑनलाइन व्याख्यान, स्लाइड शो का आयोजन

स्थानीय स्तर की कार्यशालाओं के माध्यम से जानकारी प्रदान करना

आशा कार्यकर्ता, चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षण

सर्प मित्रों में सर्पदंश के प्रति जागरूकता पैदा करना

ऐसे रखें ध्यान

पैर में काटने पर जांघ पर पट्टी बांधे

पट्टी को बहुत कसकर नहीं बांधना चाहिए क्योंकि इससे संबंधित को परेशानी होती है

रोगी को नींबू के पत्ते या मिर्च नहीं खानी चाहिए

काटने वाले हिस्से को न काटें, मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए

ज्यादातर जगहों पर सांप और सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार को लेकर आम लोगों में जन जागरूकता का अभाव है। लोगों को सांपों से बचाने और उनके जीवन को सांपों से बचाने के लिए मैं और मेरी पत्नी विभिन्न अभियानों के माध्यम से व्याख्यान और ऑनलाइन मार्गदर्शन दे रहे हैं।

– डॉ. सदानंद राउत, सर्पदंश और जहर विशेषज्ञ