Pune Railway Division | पुणे मंडल पर जीपीएस आधारित पेट्रोलमैन मॉनिटरिंग सिस्टम

पुणे (Pune News) : संरक्षण और सुरक्षा भारतीय रेल (Indian Rail) के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह हमारा मुख्य उद्देश्य है। मध्य रेल (Central Railway) का पुणे मंडल (Pune Railway Division) रेल पटरियों (rail track) और रेल संचालन (rail operation) की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए दिन-प्रतिदिन नई प्रौद्योगिकियों के नवाचार और कार्यान्वयन में हमेशा (Pune Railway Division) आगे रहा है।

 

रेलगाड़ी संचालन की सुरक्षा (Train Operation Safety) सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार की गश्त जैसे – मानसून गश्त, गर्म मौसम/ठंड के मौसम में गश्त, कीमैन गश्त आदि नियमित रूप से की जा रही हैं। गश्ती दल की ड्यूटी बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए रेलगाड़ी संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गश्त की निगरानी एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। पहले गश्त करने वालों की भौतिक निगरानी की जा रही थी जिसमें पर्यवेक्षक/अधिकारी नियमित/आकस्मिक निरीक्षण जैसे ट्रॉली निरीक्षण, फुटप्लेट निरीक्षण आदि के दौरान गश्त करने वालों की जांच करते थे।

 

इस निगरानी में यह जानना मुश्किल था कि क्या गश्ती दल ने सही समय पर गश्त शुरू कर दी है, क्या उसने निर्धारित समय में अपनी बीट पूरी कर ली है आदि। इन सभी दिन-प्रतिदिन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए और मानव हस्तक्षेप आधारित निगरानी प्रणाली को खत्म करने के लिए विभिन्न संपत्तियों की वास्तविक समय स्थिति, गति आदि की निगरानी के लिए आजकल तकनीकी दृष्टि से प्रगत जीपीएस उपकरणों (GPS equipment) का उपयोग किया जा रहा है।

 

रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार, पुणे मंडल ने सभी गश्ती दल, मानसून गश्ती दल सहित कीमैन को 300 जीपीएस डिवाइस प्रदान किए गए हैं और अब गश्त की वास्तविक समय की निगरानी मोबाइल में ऐप द्वारा, सीनियर सेक्शन इंजीनियर/रेलपथ प्रभारी द्वारा डेस्कटॉप, सेक्शन के सहायक मंडल इंजीनियर और मंडल कार्यालय के नियंत्रण कार्यालय में की जा सकती हैं। जीपीएस उपकरणों के माध्यम से गश्त की निगरानी के कई फायदे हैं जैसे कि यह कीमैन / पेट्रोलमैन की गश्त गतिविधि की वास्तविक समय की निगरानी सुनिश्चित करता है। यह निर्धारित कार्यक्रम की सटीकता और अनुपालन सुनिश्चित करता है। जीपीएस डिवाइस मंडल (GPS device board) के इंजीनियरिंग नियंत्रक, सेक्शन और प्रभारी सीनियर सेक्‍शन इंजीनियर रेल पथ तथा सहायक मंडल इंजीनियरों को लोकेशन (Location) और एसओएस (SOS) अलर्ट भेजता हैं।

 

एक इंटरनेट ब्राउज़र पर सुरक्षित उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के माध्यम से मानचित्र दृश्य, रिपोर्ट निर्माण और संबंधित सहायता के साथ क्लाउड सदस्यता के आधार पर एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर (application software) के माध्यम से निगरानी की जाती है। सॉफ्टवेयर की-मैन/पैट्रोलमैन की एक अपवाद रिपोर्ट तैयार करता है जिसमें बैटरी की स्थिति, बंद डिवाइस, कवर न किए हुए बीट, बीट सफलतापूर्वक पूर्ण और तेज गति शामिल है। किसी भी अनियमितता के लिए संबंधित गश्ती दल को स्पष्टीकरण या परामर्श के लिए बुलाया जा सकता है। सॉफ्टवेयर प्रतिदिन एक रिपोर्ट तैयार करता है जैसे – डिवाइस सिग्नल की जानकारी, मॉनिटर एसओएस प्रेस, डिवाइस बैटरी स्थिति, अपवाद रिपोर्ट, डिवाइस चालू या बंद स्थिति।

 

इस प्रणाली के लाभ के कारण सभी गश्ती दल ड्यूटी के दौरान हर समय सतर्क रहते हैं। हाल ही में भारी वर्षा के दौरान मिरज, कोल्हापुर जिले में बाढ़ आयी, जहां अचानक जल स्तर बढ़ने के कारण मिरज-कोल्हापुर सेक्शन (Miraj-Kolhapur section) में कई स्थानों पर काफी नुकसान हुआ। हमारे गश्ती दल और पुल के चौकीदारों की सतर्कता के कारण, वाशआउट और बाढ़ की स्थिति को तुरंत इंजीनियरिंग नियंत्रण और उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया गया और प्रभावित सेक्शन में रेल सेवाओं (rail service) को रोक दिया गया और इस प्रकार एक बड़ी असामान्य/घटना टाल दी गई।

 

 

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