Pune | ‘ब्रेन डेड’ मरीज के अंगदान से बचाई गई पांच लोगों की जान

पुणे (Pune News) : Pune | ब्रेन को होनेवाले ब्लड सर्कुलेशन के बंद होने से ‘ब्रेन डेड’ मरीज (Brain Dead Patient) के परिजनों ने अंगदान (Organ Donation) की अनुमति दी। इसलिए, पुणे (Pune) के चार और हैदराबाद (Hyderabad) के एक कुल 5 लोगों की जान बचाने में चिकित्सा विशेषज्ञ (Medical Specialist) को सफलता मिली।

 

46 वर्षीय मरीज के मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिका में रुकावट थी। इससे मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बंद हो गई। इससे मरीज लकवाग्रस्त हो गया था। तमाम कोशिशों के बाद भी मरीज के दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन शुरू नहीं हो पाई। इसलिए चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम ने परिजनों को बताया कि मरीज ‘ब्रेन डेड’ हो चुका है। उस समय मरीज के परिजन आगे आए और अंगदान करने का फैसला किया। मरीज का हृदय, फेफड़े, यकृत और दोनों किडनी नगर रोड स्थित सह्याद्री अस्पताल (Sahyadri Hospital) से डोनेट की गई। डी. वाई. पाटिल मेडिकल कॉलेज (D. Y. Patil Medical College) से संबद्ध अस्पताल में भर्ती 33 वर्षीय मरीज की हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी (Heart Transplant Surgery) हुई। अस्पताल में यह पहली हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी थी। सिकंदराबाद के कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Krishna Institute of Medical Sciences) में एक मरीज का फेफड़े का प्रत्यारोपण हुआ, जबकि एक किडनी और लीवर नगर रोड के सह्याद्री अस्पताल में दो मरीजों को और दूसरा किडनी डेक्कन के सह्याद्री अस्पताल में एक मरीज को दिया गया।

 

किसान पर हृदय प्रत्यारोपण

 

मरीज पिछले तीन महीने से दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना था कि हृदय प्रत्यारोपण अंतिम उपाय है। दान किए गए हृदय का मिलान अंगदान की प्रतीक्षा सूची में शामिल 33 वर्षीय किसान से हुआ। इसलिए दान किया गया हृदय प्रतिरोपित किया गया। किसान की पत्नी, बेटी और माता-पिता हैं।

 

क्षेत्रीय प्रत्यारोपण समन्वय समिति (Regional Transplant Coordination Committee) की समन्वयक आरती गोखले (Aarti Gokhale) ने कहा, “पुणे (Pune) में अंगदान के बारे में जागरूकता फैल रही है। इसलिए ‘ब्रेन डेड’ मरीज के परिजन अंगदान के लिए आगे आते हैं। इससे पुणे से देशभर के विभिन्न अंगों के वेटिंग लिस्ट के मरीजों को अंगदान किए जाते हैं।”

 

नौ महीने में 27वां अंगदान

 

इस साल बीते नौ महीनों में पुणे में 27 लोगों ने अंगदान किया। इसके तहत पांच जोड़ी फेफड़े और चार दिल देश के अलग-अलग शहरों में भेजे गए। मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद के अस्पतालों को नौ महीने में पुणे से दिल का दान मिला। पुणे के विशेषज्ञ डॉक्टरों, प्रशिक्षित मेनपावर और स्वास्थ्य के अच्छे बुनियादी ढांचे के कारण ‘ब्रेन डेड’ मरीज के रिश्तेदार अंगदान के लिए आगे आ रहे हैं। क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किया कि इससे अंगदान आंदोलन का विस्तार हो रहा है।

 

 

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