Pune | खुशखबरी! हिंजवडी-शिवाजीनगर मेट्रो के काम का ‘मुहूर्त’ तय

पुणे (Pune News) : Pune | हिंजवडी-शिवाजीनगर मेट्रो परियोजना (Hinjewadi-Shivajinagar Metro Project) का आखिरकार प्रत्यक्ष काम करने के लिए मुहूर्त मिल गया है। ऐसे संकेत हैं कि गणेशोत्सव की समाप्ति के बाद 21 सितंबर से बहुप्रतीक्षित परियोजना (Pune) को रफ्तार मिलेगी। हिंजेवाड़ी (Hinjewadi) और शिवाजीनगर (Shivajinagar) के बीच के काम को तीन से चार चरणों में बांटा जाएगा। इसके लिए सभी सिस्टम को तैयार रहने का आदेश पुणे महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (Pune Metropolitan Region Development Authority) (पीएमआरडीए) ने पुणे सिटी मेट्रो रेल कंपनी (Pune City Metro Rail Company) को दिया है।

 

पीएमआरडीए (PMRDA) द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से मेट्रो परियोजना (Metro Project) का विकास किया जाएगा। परियोजना के लिए आवश्यक स्थान पुणे आईटी सिटी मेट्रो (Pune IT City Metro) को सौंपे जाने के बाद परियोजना के वास्तविक कार्य को शुरू करने में टालमटोल की जा रही थी। उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) द्वारा जुलाई के अंत तक काम शुरू करने के आदेश देने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उसके बाद हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में पवार ने फरमान जारी करते हुए कहा, ”किसी भी हाल में 25 सितंबर तक काम शुरू कर दो।” इसलिए, आखिरकार मेट्रो (Metro) के लिए समय तय कर दिया गया है और काम 21 सितंबर से शुरू होगा, ऐसा संकेत पीएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिया। पीएमआरडीए और पुणे आईटी सिटी मेट्रो रेल (Pune IT City Metro Rail) के बीच रियायत समझौते के अनुसार, नियुक्ति की तारीख तय होने के बाद उस तारीख से निर्धारित समय पर परियोजना को पूरा किया जाना है। पुणे आईटी सिटी मेट्रो कंपनी (Pune IT City Metro Company) के लिए चुनौती वास्तविक काम शुरू होने के बाद पूरे प्रोजेक्ट को साढ़े तीन से साढ़े तीन साल में पूरा करना है।

 

कब्जा लेने में डेढ़ साल की देरी

 

राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों (Assembly elections) के लिए आचार संहिता की घोषणा से कुछ ही मिनट पहले, पीएमआरडीए (PMRDA) और पुणे आईटी सिटी मेट्रो (Pune IT City Metro) के बीच एक ‘रियायत समझौते’ पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के छह से आठ महीने के भीतर, पीएमआरडीए को सभी जगहों को आईटी सिटी मेट्रो रेल को सौंपने की उम्मीद थी। हालांकि, इस सारी प्रक्रिया में कम से कम डेढ़ से दो साल की देरी हुई है।

 

 लागत बढ़ेगी ?

 

पूरे 23 किलोमीटर की परियोजना पर 8,000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद थी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के हाथों 2018 में भूमि पूजन और उसके बाद के रियायत समझौते के बावजूद, तीन वर्षों में परियोजना पर कोई काम आगे नहीं बढ़ा है। आशंका जताई जा रही है कि आचार्य आनंदऋषिजी चौक (विश्वविद्यालय का प्रवेश द्वार) पर एक बहुमंजिला फ्लाईओवर बनने से पूरे प्रोजेक्ट की लागत और बढ़ जाएगी। फिलहाल यह खर्च कितना बढ़ेगा इस बारे में जानकारी नहीं है। यह स्पष्ट नहीं है कि वृद्धि की लागत केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा व्यवहार्यता अंतर कोष (वीजीएफ) के माध्यम से या पीएमआरडीए और पुणे आईटी सिटी मेट्रो कंपनी द्वारा वहन की जाएगी।

 

 

 

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