Pune Private Vaccination | निजी टीकाकरण में पुणे पिछड़ा

पुणे (Pune News) – पुणे (Pune Private Vaccination) में टीकाकरण सरकारी वैक्सीनआपूर्ति पर आधारित है। नतीजतन, केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से टीकों की आपूर्ति में विराम लगते ही पूरा टीकाकरण अभियान (vaccination campaign) ठप हो जाता है। वहीं इसके विपरीत मुंबई (Mumbai) ने निजी टीकाकरण (Pune Private Vaccination) का एक मॉडल अपनाया है। तो ऐसा लगता है कि कॉर्पोरेट टीकाकरण की एक तीव्र गति से शुरुआत हो रही है।

 

मुंबई (17 फीसदी) और पुणे (14 फीसदी) में टीकाकरण (Vaccination) का प्रतिशत दो अंकों में पहुंच गया है। शेष 33 जिलों में टीकाकरण का प्रतिशत आठ महीने बाद भी एक ही आंकड़ा है। टीकाकरण की दर पुणे की तुलना में मुंबई में अधिक है। मुख्य कारण यह है कि बड़ी संख्या में निजी टीकाकरण केंद्र हैं। मुंबई में 166 टीकाकरण केंद्र हैं। इनमें से 151 निजी हैं और सरकार द्वारा 15 केंद्रों पर टीका उपलब्ध कराया जाता है।

 

दूसरी ओर, पुणे के 725 केंद्रों में से 500 केंद्रों पर सरकारी टीकों की आपूर्ति की जाती है। निजी केंद्रों द्वारा 225 स्थानों पर टीकाकरण किया जा रहा है। प्रतिक्रिया मुंबई की तुलना में बहुत कम है। राज्य लोक स्वास्थ्य विभाग (health Department) के सहायक निदेशक (चिकित्सा) डॉ. संजय देशमुख (Dr. Sanjay Deshmukh) ने कहा- देश की वित्तीय राजधानी होने के नाते ज्यादातर कंपनियों के कॉरपोरेट ऑफिस मुंबई में हैं। उन कंपनियों ने निजी अस्पतालों (private hospital) से अनुबंध करके अपने कर्मचारियों के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया है। सरकारी केंद्रों की तुलना में निजी टीकाकरण केंद्रों की संख्या अधिक प्रतीत होती है।

 

मुंबई में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ-साथ निजी कंपनियों और निजी अस्पतालों के बीच समन्वय समझौतों के कारण अधिक टीकाकरण हुआ है। सरकारी टीकाकरण केंद्रों की संख्या लगातार कम हो रही है क्योंकि मुंबई (Mumbai) को समय पर टीका नहीं मिला। वहीं बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए निवारक टीकाकरण पर जोर दे रही हैं। कर्मचारियों का टीकाकरण करने के लिए निजी कंपनियों ने अस्पतालों से करार किया है। ऐसे समझौतों के तहत टीकाकरण करने वाले कॉरपोरेट्स की संख्या पुणे (pune) की तुलना में मुंबई में अधिक है।

 

केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए टीकों के आधार पर पुणे में टीकाकरण (Pune Vaccination) अभियान चल रहा है। इसलिए, सरकार द्वारा वैक्सीन की आपूर्ति न करने की स्थिति में, केंद्र में टीकाकरण नहीं हो पाता है। केंद्र सरकार देशभर में वैक्सीन बांट रही है। राज्य के अन्य शहरों की तुलना में पुणे को सबसे ज्यादा टीके मिलते हैं। लेकिन, पुणे की मांग बहुत बड़ी है। इसकी तुलना में टीकों की आपूर्ति कम होती दिख रही है।

 

गुरुवार को पुणे के लिए एक लाख 93 हजार और शुक्रवार को 76,500 खुराकें प्राप्त हुई हैं। दो दिनों में 70,000 टीकों की लगभग दो लाख खुराकें प्राप्त हुईं। हालांकि, पिछले चार से पांच दिनों में कोई टीका नहीं दिया गया था। इसलिए टीकाकरण अभियान रोक दिया गया। पुणे जिले में 87 लाख 44 हजार नागरिकों को टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 1 करोड़ 74 लाख 88 हजार टीकों की खुराक की जरूरत है। केंद्र सरकार (central government) अब तक पुणे को वैक्सीन की 72 लाख खुराक की आपूर्ति कर चुकी है। अतः स्पष्ट है कि शेष एक करोड़ 28 लाख आठ हजार खुराकों की आवश्यकता है।

 

वितरण निम्नलिखित मानदंडों पर –

 

1. जिले की जनसंख्या

2. टीकाकरण के लिए पात्र नागरिकों की संख्या

3. कोरोना संक्रमण की दर

4. पहले आपूर्ति किए गए टीकों का उपयोग

 

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