Pune News | पुणे की पिता-पुत्री की जोड़ी ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की

पुणे: (Pune News) पिंपरी-चिंचवड़ शहर के पिता-पुत्री ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस (Mount Elbrus) पर चढ़ाई की है। इस शिखर की ऊंचाई 5,642 मीटर है, 12 साल की उम्र में, गिरिजा लांडगे और उनके पिता धनाजी लांडगे ने एल्ब्रुस पर्वत की एक साहसी और सफल चढ़ाई की है। (Pune News) गिरिजा 12 साल की उम्र में शिखर पर पहुंच गई है और कहा जाता है कि ऐसा करने वाली वह भारत की पहली लड़की हैं।

माउंट एल्ब्रुज पर चढ़ना आसान नहीं है, इसमें काफी मेहनत लगती है। उसके लिए धनाजी और गिरिजा ने काफी मेहनत की है। यूरोप और भारत के मौसम में बहुत अंतर है और इस जोड़े ने इसे अपनाकर यह कारनामा किया है। धनाजी लांडगे ने कहा कि माउंट एल्ब्रुस को यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माना जाता है। पहाड़ को डॉर्मिटरी ज्वालामुखी के नाम से भी जाना जाता है। वहां का तापमान माइनस 25 से 40 डिग्री होता है। माउंट एल्ब्रुस को चढ़ाई करने के लिए उचित प्रशिक्षण और कड़ी मेहनत की आवश्यकता है। इसे पर्वतारोहियों के मन का अंत देखने वाले पर्वत के रूप में जाना जाता है। अत्यधिक ठंड और हवा के झोंके आम हैं। यहां का माहौल लगातार बदल रहा है। इसलिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयारी करके ही इस अभियान को चुनना होगा।

धनाजी ने आगे कहा कि गिरिजा चोटी पर चढ़ने वाली महाराष्ट्र और भारत की पहली लड़की हैं। कुल 10 दिनों के अभियान में हम दोनों ने वातावरण के साथ तालमेल बिठानेके लिए 22 से 25 तारीख तक 3100 मीटर, 3800 मीटर और फिर 4800 मीटर की ऊंचाई पर अभ्यास किया। फिर, 26 तारीख को सुबह तीन बजे चढ़ाई की शुरुआत की और सुबह सात बजे, शिखर सम्मेलन सफल रहा। हमने पूर्व और पश्चिम दोनों तरफ के मार्गों से 15 घंटे में शिखर पर चढ़ने की कोशिश की। हालांकि, खराब मौसम के कारण दोनों तरफ से शिखर सम्मेलन सफल नहीं हो सका। शिखर 5642 मीटर पश्चिम की ओर सफल रहा। गिरिजा इस चोटी पर पहुंचने वाली पहली लड़की हैं और यह पहली बार है जब बाप-बेटी की जोड़ी ने ऐसा किया है। इस अभियान के माध्यम से गिरिजा ने ‘लड़की बचाओ, लड़की बढाओ’ का संदेश दिया है। उन्होंने इस अभियान को सभी लड़कियों और दादा-दादी को समर्पित किया है।

गिरिजा का अब तक का उल्लेखनीय प्रदर्शन

गिरिजा अब तक सह्याद्री में लिंगाणा, वजीर सुल्का, तैलबैल, नागफनी, कालकराय, संडे-1, संडे-2, वानरलिंगी जैसे कठिन शिखर की चढ़ाई की है। इसके अलावा, उन्होंने नासिक जिले सहित महाराष्ट्र में 65 किलो का दौरा किया है। लिंगाना और वज़ीर के लिए उनकी चढ़ाई को यूनिक बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सबसे कम उम्र के पर्वतारोही के रूप में दर्ज किया गया है।