Pune News | पैन इंडिया कानूनी जनजागृति अभियान व पहुंच मुहिम समारोह का समापन

पुणे : Pune News | स्‍वातंत्रता के स्‍वर्ण महोत्‍सव के तहत और कानून संबंधी सहायता कानून के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर 14 नवंबर को सिंबायोसिस अंतरराष्ट्रीय डीम्‍ड यूनिवर्सिटी (Symbiosis International Deemed University) के सिंबायोसिस लॉ कॉलेज पुणे (Symbiosis Law College Pune) के एस वी सी सभागृह में पैन इंडिया कानून के विषय में जनजागृति अभियान व पहुंच मुहिम समारोह का समापन हुआ. इसके तहत सिंबायोसिस लॉ कॉलेज पुणे के कम्‍युनिटी लीगल सर्विस एंड लिटरेसी सेल (सीएलसीसी) द्वारा विभिन्‍न कार्यक्रमों का (Pune News) आयोजन किया गया था.

 

कार्यक्रम के चीफ गेस्‍ट और आगंतुकों का स्‍वागत डॉ. आशीष देशपांडे (Dr. Ashish Deshpande) (सहायक प्रोफेसर सिंबायोसिस लॉ कॉलेज पुणे) ने किया. सिंबायोसिस के संस्‍थापक अध्‍यक्ष डॉ. शां ब मुजुमदार (Founding President Dr. S.B. Muzumdar) ने वसुधैव कुटुंबकम (vasudhaiva kutumbakam) के लक्ष्‍य और कानूनी सहायता प्राधिकरण के सभी के लिए न्‍याय इन दोनों पूरक उद्देश्‍य व सहयोग, सिंबायोसिस लॉ कॉलेज के समाजाभिमुख भूमिका आदि पर प्रकाश डाला और गणमान्‍यों का स्‍वागत किया.

 

संजय देशमुख (Sanjay Deshmukh) (प्रधान जिला और सत्र न्‍यायाधीश),प्रताप सावंत (Pratap Sawant) (सचिव, पुणे जिला लॉ प्राधिकरण), सत्‍यनारायण नावंदर (Satyanarayan Navandar) (दिवाणी न्‍यायाधीश सीनियर लेवल) और के पी नांदेडकर (K. P. Nandedkar)के हाथों दीप प्रज्‍जवलन किया गया और व्‍याख्‍यान की शुरुआत हुई.

 

पहला व्‍याख्‍यान विलास खांडबहाले (Vilas Khandbahale) (दिवाणी न्‍यायाधीश सीनियर लेवल, पुणे) ने वैकल्पिक विवाद (alternative dispute) निराकरण प्रणाली पर दिया. उन्‍होंने कहा कि सभी उत्‍साह के साथ वैकल्पिक व्‍यवस्‍था को स्‍वीकार करे और उसके विभिन्‍न प्रकार और फायदे भी गिनाए.

 

ओम मंत्री (दिवाणी न्‍यायाधीश सीनियर लेवल, पुणे जिला व सत्र न्‍यायालय ) ने कानूनी विषय सहायता और निगोशिएबल इन्‍स्‍ट्रूमेंट एक्‍ट (Negotiable Instrument Act) की धारा 138 पर व्‍याख्‍यान दिया. कानूनी विषयों की सहायता के संवैधानिक महत्‍व, महत्‍वपूर्ण पड़ाव, खासकर हुसनेरा विभाग विरोधी बिहार सरकार, जरूरत और सरकार द्वारा कमजोर वर्ग के उत्‍तम भविष्‍य के लिए शुरू की गई विभिन्‍न योजना और जिला व राज्‍य कानून संबंधी सहायता प्राधिकरण की भूमिका और निगोशिएबल इन्‍स्‍ट्रूमेंट एक्‍ट की धारा 138 को देखते हुए विभिन्‍न सुधारों, चेक की कानूनी प्रक्रिया और शिक्षा पर व्‍याख्‍यान दिया.

 

प्रोफेसर डॉ. शिरीष कुलकर्णी (Dr. Shirish Kulkarni) (सिंबायोसिस लॉ कॉलेज पुणे) ने पुणे जिला कानूनी सहायता प्राधिकरण केंद्र के साथ शुरू विभिन्‍न योजनाएं किस तरह से लाभकारी साबित हो रही है इसे लेकर कृतज्ञता व्‍यक्‍त की. प्रमुख रूप से येरवडा जेल (Yerwada Jail) के कैदियों के अधिकार को लेकर आयोजित की गई ट्रेनिंग, विधार्थी व शिक्षकों के संवर्धन के लिए कार्यक्रम, विभिन्‍न योजनाओं को लेकर काउंसलिंग पर प्रकाश डाला.

 

सत्‍यनारायण नावंदर (Satyanarayan Navandar) (दिवाणी न्‍यायाधीश सीनियर लेवल, पुणे जिला व सत्र न्‍यायालय ) ने कहा कि इसका उद्देश्‍य जिन लोगों को न्‍याय नहीं मिल सकता है ऐसे दुर्बल वर्ग की सुरक्षा के लिए है. जिला लॉ प्राधिकरण (District Law Authority) ने अधिक से अधिक लॉ कॉलेज के साथ संलग्‍नता बढ़ाकर नालासा का उद्देश्‍य पूरा करने का सुझाव दिया. ऐसे में कानून के विधार्थियों को शुरुआत से ही विभिन्‍न संस्‍थाओं की पहचान होगी और उनकी लॉ व्‍यवस्‍था में सहभागिता बढ़ेगी. साथ ही सिंबायोसिस लॉ कॉलेज के विभिन्‍न कार्यक्रमों की प्रशंसा की.

 

इसके बाद के पी नांदेडकर (K. P. Nandedkar) (दिवाणी न्‍यायाधीश सीनियर लेवल, पुणे जिला व सत्र न्‍यायालय ) ने भारत में कानून के विषय पर जनजागृति पर भाषण दिया. उन्‍होंने दुख व्‍यक्‍त किया कि देश के लोगों में  मुफ्त शिक्षा या जनजागृति का महत्‍व नहीं है. भारत की अधिकांश कानून अंग्रेजी भाषा में है और यह बड़ी रुकावट है. टेक्‍नोलॉजी की भागदौड़, समाज में तेजी से आ रहे बदलाव  और इसके लिए सबके लिए कानून है.

 

 

 

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