Pune News | पिंपरी चिंचवड़ मनपा आयुक्त पर फिर भड़का सभागृह

पिंपरी : Pune News | कोरोना काल में चिकित्सा विभाग (Medical Department) में भ्रष्टाचार (Corruption) की रिपोर्ट 20 दिन में पटल पर रखने का आदेश दिए एक साल हो गया है। महापौर के तीन आदेशों के बावजूद पिंपरी चिंचवड़ मनपा आयुक्त राजेश पाटिल (Rajesh Patil) ने आम सभा को रिपोर्ट नहीं सौंपी। महापौर के आदेश को कूड़ेदान का रास्ता दिखाया। इस भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दबाकर आयुक्त किसका समर्थन कर रहे हैं? आयुक्त ने किस राजनीतिक दल को सदस्य के रूप में स्वीकार किया है? बीती शाम मनपा ( Pune News) की आम सभा की बैठक में सर्वदलीय पार्षदों ने आयुक्त पर महापौर का अपमान करने और एकतरफा आचरण का आरोप लगाया।

 

महापौर ऊषा ढोरे (Mayor Usha Dhore) की अध्यक्षता में हुई इस सभा में कोरोना काल में मनपा के चिकित्सा विभाग के भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट पर खासा बवाल मचा। सत्तादल भाजपा (BJP) समेत सर्वदलीय सदस्यों ने मनपा आयुक्त राजेश पाटिल (Rajesh Patil) को जमकर निशाना बनाया।भाजपा की वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले ( वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले) ने कहा, आयुक्त महापौर के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। महापौर के आदेश के बावजूद कोरोना काल में चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार की रिपोर्ट पटल पर नहीं रखी जा रही है। महापौर के आदेश को कूड़ेदान में डाल दिया गया है। शहर के पहले नागरिक का लगातार अपमान किया जा रहा है। आयुक्त एकतरफा कार्रवाई कर रहे हैं। जब तक रिपोर्ट पेश नहीं होगी, तब तक आम सभा नहीं होगी। जनता को यह जानने दीजिए कि कोरोना के संकटकाल में भी भ्रष्टाचार करने से कौन कौन बाज नहीं आये। किसी भी पार्टी के पार्षद भ्रष्टाचार में लिप्त हों, उनके नामों की घोषणा करें। मास्क घोटाले में कौन शामिल था, कोरोना मरीजों को खाना मुहैया कराने किसने भ्रष्टाचार किया, यह सब सबूतों के साथ सामने आना चाहिए। भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) की वरिष्ठ नगरसेविका मंगला कदम ने कहा, महापौर का अपमान नहीं होना चाहिए।  वे शहर के पहले नागरिक हैं। भाजपा ने साढ़े पांच साल में जो बोया है वही अब बढ़ रहा है। भाजपा के संदीप वाघेरे (Sandeep Waghre) ने कहा कि अप्रैल में आम सभा की बैठक में 20 दिन के भीतर कोरोना काल में भ्रष्टाचार पर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था। 20 दिनों के भीतर रिपोर्ट को पैनल पर रखने के आदेश के बाद भी 6-7 महीने की देरी हो रही है। सदन को पता होना चाहिए कि उस रिपोर्ट में क्या छिपा है। आखिर किसको बचाने की कोशिश की जा रही हैं, किसकी गलतियों को छुपाया जा रहा है। दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए, भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होना चाहिए। भाजपा की आशा शेंडगे (Asha Shendge) ने कहा कि महापौर के आदेश का पालन नहीं किया गया। जबकि महापौर को आदेश दिए सात महीने हो गए। आयुक्त ने महापौर का अपमान कर शहर के 25 लाख नागरिकों का अपमान किया है। इसकी निंदा कर सभा स्थगित की जानी चाहिए। भाजपा के विकास डोलस (Vikas Dolas) ने कहा कि कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोप लगे।  नगरसेवकों की मांग पर महापौर ने जांच रिपोर्ट सभा के पटल पर रखने का आदेश दिया, लेकिन इतने माह बाद भी आयुक्त (Rajesh Patil) ने रिपोर्ट पटल पर नहीं रखी। रिपोर्ट को पटल पर रखने में आयुक्त को क्या कठिनाई है? सदन के नेता नामदेव ढाके ने कहा कि मनपा प्रशासन ने कोरोना काल में अच्छा काम किया है। हर तरफ इसकी सराहना हो रही है। सभागृह को कुछ लोगों ने गुमराह किया है, मैं उनकी निंदा करता हूं।

 

 

 

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