पिंपरी : Pune News | पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (PCMC) का यशवंतराव चव्हाण स्मृति (वाईसीएम) अस्पताल में पिछले 10 से 15 वर्षों से मानदेय कर्मचारी मरीजों की सेवा कर रहे हैं। जहां निगम की आस्थापना पर उन्हें स्थायी सेवा में शामिल करने का मामला लंबित है वहीं निगम ने अब वाईसीएम में स्थायी पद के लिए भर्ती विज्ञापन प्रकाशित किया है। पिछले कई वर्षों से मानदेय के आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों को नए स्थायी पदों से बदलना पिछले कर्मचारियों के लिए अनुचित होगा। भाजपा (BJP) के नगर अध्यक्ष व विधायक महेश लांडगे (Mahesh Landge) ने कोविड काल में ईमानदारी से सेवा कर रहे कर्मचारियों के लिए न्याय की मांग की (Pune News) है।
इस संबंध में विधायक लांडगे ने नगर निगम के आयुक्त को पत्र दिया है। पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के यशवंतराव चव्हाण स्मृति (वाईसीएम) अस्पताल में पिछले 10 से 15 वर्षों से मानदेय कर्मचारी मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं। स्थायी कर्मचारियों और मानदेय कर्मचारियों के काम की प्रकृति समान है। फिर भी मानदेय कर्मचारियों के लिए सुविधाएं स्थायी कर्मचारियों की तुलना में कम हैं। मानदेय पर कर्मचारियों ने नगर निगम प्रशासन (Municipal Administration) से बार-बार उन्हें नगर निगम के प्रतिष्ठान में स्थायी रूप से समायोजित करने का अनुरोध किया है। हालांकि, इन कर्मचारियों को निगम से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। छह माह पूर्व मानद कर्मचारियों ने आंदोलन किया था। उस समय प्रशासन ने दीपावली के बाद इन कर्मचारियों को नगर निगम के प्रतिष्ठान में समायोजित करने का वादा किया था, जोकि पूरा नहीं किया गया।
निगम की आम सभा में मानदेय के आधार पर कार्यरत इन कर्मचारियों को निगम की स्थापना में स्थायी रूप से समायोजित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। नगर निगम ने फाइल राज्य सरकार को भेजी है। फाइल में कुछ त्रुटियों के कारण फाइल वापस नगर पालिका को भेज दी गई। यह फाइल नगर निगम को तीन महीने पहले मिली थी। हालाँकि, उस फ़ाइल में त्रुटियों का अभी तक समाधान नहीं किया गया है। संबंधित फाइल भले ही नगर निगम में है, लेकिन कहा जा रहा है कि ‘यह फाइल राज्य सरकार (State government) के पास है’। इस बीच, निगम ने अब इस रिक्ति को स्थायी रूप से भरने के लिए एक विज्ञापन प्रकाशित किया है। स्थायी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है जबकि मानदेय कर्मचारियों का प्रश्न लंबित है। इस समस्या के समाधान के बजाय कई वर्षों से मानदेय के आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों के साथ स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति नाइंसाफी होगी। इसलिए विधायक महेश लांडगे ने मांग की है कि इस मसले का समाधान होने तक स्थायी भर्ती रोकी जाए और पिछले कई वर्षों से मानदेय पर काम कर रहे कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए।
Pune News | नगर निगम के अस्पतालों में मानदेय पर 154 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती