पुणे : Pune News | पुणे शहर के कोथरुड (Kothrud) इलाके में महात्मा सोसायटी (Mahatma Society) इलाके में 9 दिसंबर 2020 को ‘गौर’ पशु आया था। कोथरुड में लगभग 7 घंटो तक गौर (gaur) का जंग शुरू था। उसने लोगों के जंगल में भागने की कोशिश की। लेकिन उसे रास्ता नहीं मिला। गौर के लिए दुखद 7 घंटों में लोग सिर्फ उसकी फोटो निकालते रहे। मोबाइल में फोटो और वीडियो निकालते रहे। लोगों से डर कर गौर इधर-उधर भागता रहा। अंत में वन विभाग (Forest department) ने उसे बेहोशी की दवाई दी और जाल की मदद से हिरासत (pune news) में लिया। गौर का शरीर कई जगह से घायल हो गया था, लेकिन इलाज के दौरान इस गौर की मृत्यु हो गई।
शहर में घुसे गौर की मौत पर अब उच्च न्यायालय ने दखल ली है। महाराष्ट्र वन विभाग और पुणे पुलिस आयुक्त को मुंबई उच्च न्यायालय ने नोटिस भेजा है। मुख्य न्यायमूर्ती दीपांकर दत्ता और न्या. एम. एस कर्णिक की पीठ द्वारा भेजे गए नोटिस में 17 जनवरी तक अपनी बात रखने का आदेश दिया है।
पिछले साल कोथरुड परिसर में गौर के घुसने की घटना हुई थी। शहरी बस्ती में प्रवेश करने की वजह से बहुत सारे देखनेवाले लोग जमा हो गए थे। इस बीच कुत्ते ने हमला कर दिया और इसमें गौर घायल हो गया। भीड़ को देखकर गौर भागने लगा इसी दौरान स्टील के गेट से टकरा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सामने आया कि हार्ट अटैक के कारण गौर की मृत्यु हुई। इस मामले में वन रक्षक दल के अधिकारी गौर की मृत्यु के लिए जिम्मेदार हैं, ऐसा निदर्शन में आने के बाद ‘लॉयर्स फॉर अर्थ जस्टिस’ के एड. असीम सरोदे के माध्यम से दिसंबर 2020 में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। उसके बाद लगभग एक साल के बाद यह याचिका सुनवाई के लिए आई।
7 घंटे तक जारी रहा जंग
महात्मा सोसायटी से मुश्किल से 3 से 4 किलोमीटर तक भागते समय एक भी व्यक्ति पर गौर ने हमला नहीं किया। कोथरुड में लगभग 7 घंटे तक में गौर ने मनुष्य के जंगल से भागने की कोशिश की। लेकिन उसे रास्ता नहीं मिला। गौर के लिए दुखद ठहरे 7 घंटे में लोग सिर्फ फोटो ही निकालते रह गए। लोगों के डर से गौर इधर-उधर दौड़ता रहा। लोग भी उसका पीछा करते रहे और सोशल मीडिया पर वायरल करते रहे।
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