Pune News | स्मार्ट सिटी के सब कॉन्ट्रैक्ट सबसे बड़ा गोलमाल

नियमों को ताक पर रख दिये जा रहे सब- सब कॉन्ट्रैक्ट

एल. एन्ड. टी. कंपनी के कामों के बारे में हुई सुनवाई में वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले ने किया मामला उजागर

पिंपरी : Pune News |  स्मार्ट सिटी (Smart City) के अंतर्गत एल. एन्ड. टी .कंपनी  को दिये गए करीबन 250 करोड़ रुपए के ठेके के लिए जरूरी तकनीकी मान्यता न लेने का मामला सामने आने के बाद एक और बड़ा गोलमाल सामने आया है। इस कंपनी को दिए गए 250 करोड़ के ठेके का काम नियमबाह्य तरीके से सब कॉन्ट्रैक्ट (contract) देकर पिंपरी चिंचवड़ मनपा (Pimpri Chinchwad Municipal Corporation) के साथ धोखाधड़ी की गई है। एक ने दूसरे, दूसरे ने तीसरे ठेकेदार को सब कॉन्ट्रैक्ट देकर इस काम के दर्जे की वाट लगाकर रख दी गई है। इस काम के सलाहकार ने भी स्मार्ट सिटी कंपनी (smart city company) की बजाय ठेकेदार के हितों का जतन करने पर जोर दिया है। इस टिप्पणी के साथ यह गोलमाल (Pune News) उजागर करते हुए भाजपा की वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले (Corporator Seema Sawale) ने इस पूरे मामले को न केवल स्मार्ट सिटी (Smart City) बल्कि केंद्र व राज्य सरकार और करदाताओं के साथ की गई धोखाधड़ी करार दिया है। इस मामले की व्यापक जांच की मांग उन्होंने की है।

इस मामले में क्या आदेश देते हैं? (Pune News)

वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले (Corporator Seema Sawale)  बार-बार इशारा कर चुकी हैं कि पिंपरी चिंचवड़ स्मार्ट सिटी (Pimpri Chinchwad Smart City) के काम में बड़ा घोटाला हुआ है। चूंकि मनपा आयुक्त (Municipal Commissioner) स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ हैं, सावले पिछले एक साल से इस संबंध में उनके साथ लगातार संपर्क में हैं। स्मार्ट सिटी (Smart City) में भारी गोलमाल के कारण मनपा प्रशासन (Municipal Administration) उनके पत्रों का जवाब देने से भी कतरा रहा था। अंत में मनपा आयुक्त राजेश पाटिल (Rajesh Patil) ने सभी पत्रों पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि आखिर आयुक्त राजेश पाटिल इस मामले में क्या आदेश देते हैं? नगरसेविका सीमा सावले (Corporator Seema Sawale) ने अपने बयान में कहा, प्रशासन जानबूझ कर एल. एन्ड. टी कंपनी को सौंपे गए कार्य की उपेक्षा कर रहा है।

सावले ने इस सुनवाई में विस्तार से बताया कि कैसे सब-कॉन्ट्रैक्टिंग के संबंध में टेंडर के सभी नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया गया था। उन्होंने कहा कि मास्टर सर्विस एग्रीमेंट (Master Service Agreement) को टेंडर के नियम व शर्तों के अनुसार अंतिम रूप दिया जाता है। इसके प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अवैध गतिविधियों (illegal activity) को समर्थन देने का कार्य राजनीतिक दबाव में चल रहा है। यह सच है कि एलएंडटी कंपनी परस्पर और अवैध रूप से उपठेकेदार के जरिये काम कर रही है। यह कार्य उपठेकेदार द्वारा दूसरे उपठेकेदार को सौंप दिया है।

इस बीच पूरे शहर में उपठेकेदार इस तरह स्मार्ट सिटी (Smart City) का काम कर रहे हैं। उनमें से ज्यादातर को राजनीतिक नेताओं को उप-ठेके दिए गए हैं। स्मार्ट सिटी में काम की गुणवत्ता बहुत खराब होने की शिकायतें अक्सर आती रहती हैं। यह देखा गया है कि केवल राजनीतिक नेताओं के कार्यकर्ता ठेकेदारों के रूप में काम करते हैं या उन्होंने तीसरे पक्ष को उप-ठेके दिए हैं। पूरे शहर में इस बात की खुली चर्चा है कि प्रशासन (Administration) गलत काम में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है क्योंकि सभी उप ठेके का काम नेताओं के सहयोग से चल रहा है। इसका असर आगामी मनपा चुनाव (Municipal Election) में देखने को मिल सकता है। इससे पहले की सुनवाई में वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले (Corporator Seema Sawale) ने आयुक्त राजेश पाटिल के समक्ष खुलासा किया कि स्मार्ट सिटी में करीब 250 करोड़ रुपये के एलएंडटी के काम को तकनीकी मंजूरी नहीं है। तकनीकी स्वीकृति के अभाव में इस कार्य में काफी जालसाजी एवं भ्रष्टाचार (Corruption) हुआ है। इस काम के लिए बजट तैयार करने के साथ-साथ टेंडर (Tender) जारी करते हुए स्मार्ट सिटी के सलाहकारों, ठेकेदारों और अधिकारियों ने मनपा के खिलाफ भारी धोखाधड़ी की है। जबकि मनपा के विभिन्न कार्यों के लिए तकनीकी मान्यता लेना अनिवार्य है। 250 करोड़ के काम के लिए यह मान्यता नहीं लिए जाने की बात सामने आने से खुद मनपा आयुक्त राजेश पाटिल (Rajesh Patil) भी चकरा गये।

 

 

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