Pune Municipal Corporation | सुप्रीम कोर्ट ने पुणे मनपा को दिया झटका ! HCMTR प्रोजेक्ट को लेकर दिया यह महत्वपूर्ण आदेश 

पुणे (Pune News), 10 जुलाई : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार की सुनवाई के दौरान कहा कि पर्यावरण की मंजूरी के बिना पुणे मनपा (Pune Municipal Corporation) के HCMTR प्रोजेक्ट (HCMTR Project) को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।  HCMTR का बड़ा विस्तार और संभावित पर्यावरण नुकसान को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने नवंबर 2020 में पुणे मनपा (Pune Municipal Corporation) को पर्यावरणीय मंजूरी लेने का आदेश दिया था और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हुई सुनवाई में भी कोर्ट ने यही निर्देश दिया है।

पर्यावरण वन (Ministry of Environment) और मौसम बदलाव मंत्रालय (Forest and Climate Change) के तकनीकी सलाहकार समिति दवारा NGT में दिए गए एफिडेबिट में इस प्रोजेक्ट को परिसर विकास प्रोजेक्ट (campus development project) में जोड़ने और इसके लिए पहले पर्यावरणीय मंजूरी लेने की जरुरत स्पष्ट की थी।  पुणे (Pune) शहर में मनपा के प्रस्तावित HCMTR 36 किलोमीटर लंबा और  80 फ़ीट चौड़ा  पुल जैसा यह रोड है।  कोर्ट (Court) में पुणे मनपा (Pune Municipal Corporation) ने HCMTR के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की जरुरत नहीं होने की दलील देते हुए मुंबई समुंद्री किनारे (Mumbai Beach) के मार्ग का उदहारण दिया।

मुख्य याचिकाकर्ता सारंग यादवाडकर (Sarang Yadav kar) ने इस निर्णय का स्वागत किया है।  उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) में HCMTR से  बड़े पैमाने पर पुणे (Pune) शहर के पर्यावरण पर असर पड़ने की बात कही थी।  यह सड़क घनी बस्तियों, हॉस्पिटल, स्कूल, पानी के स्रोत आदि से गुजर रही थी। इस प्रोजेक्ट से पहाड़ियों, वृक्षों और बस्तियों का नाश होने की वजह से बड़ी संख्या में नागरिकों व पर्यावरण प्रेमियों ने इसका विरोध किया है।

इतना ही नहीं HCMTR के कारण पुणे (Pune) शहर में प्रदुषण बढ़ेगा।
परिसर के सुजीत पटवर्धन (Sujit Patwardhan) ने बताया कि 1982 को एक्शन प्लान लाया गया था वह केवल और केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए।

पुणे मनपा (Pune Municipal Corporation) ने इसके उलट इसमें चार मार्ग प्राइवेट गाड़ियों के लिए बनाया है।

जिसकी वजह से यह प्रोजेक्ट अधिक महंगा हो गया है।

 

 

 

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