पुणे मेट्रो की बोगी फ्रेम को इटली व पुणे से मिला क्लियरेंस

पुणे। सार्वजनिक यातायात सक्षम बनाने के लिहाज से पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरों में संयुक्त रूप से चलाई जा रही मेट्रो परियोजना के लिए कानपुर में बन रहे दो बोगी फ्रेम को मजबूती परखने के लिए इटली भेजा गया है। अब इटली से ही कोच बनकर सीधे भारत आएंगे। इटली और पुणे की टीमों ने कानपुर की कंपनी को बोगी फ्रेम बनाने की क्लियरेंस दे दी।
कानपुर में बोगी फ्रेम बना रही वेद सेसोमैकेनिका कंपनी के मुताबिक यह पहला मौका है जब देश में बोगी फ्रेम बनाने वाली किसी कंपनी के बोगी फ्रेम टेस्टिंग के लिए यूरोप भेजे जा रहे हैं। कंपनी के पास पहले से ही बोगी फ्रेम बनाने का यूरोपियन स्टैंडर्ड ईएन 15085 है। पुणे मेट्रो का काम टीटागढ़ फिरेमा कंपनी के पास है। उसने कुछ समय पहले इटली की कंपनी का अधिग्रहण किया है। टीटागढ़ फिरेमा ने पनकी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित वेद सेसोमैकेनिका को पुणे की मेट्रो के लिए बोगी फ्रेम बनाने की जिम्मेदारी दी है। इससे पहले कंपनी राजधानी, शताब्दी और तेजस के बोगी फ्रेम बना चुकी है।
कंपनी को अपने पहले सात बोगी फ्रेम बनाकर इटली भेजने के लिए कहा गया था ताकि वहां कंपनी उनकी मजबूती का परीक्षण करा सके। परीक्षण में खरा उतरने के लिए यूरोपियन स्टैंडर्ड को ध्यान में रखकर बोगी फ्रेम बनाए जा रहे थे। भारत में माइनस 20 डिग्री सेल्सियस पर बोगी फ्रेम पर दबाव की क्षमता का आकलन होता है और इटली में माइनस 40 डिग्री पर। गत सप्ताह शुक्रवार की रात जर्मनी की कंपनी क्यूयूवी नॉर्ड से आए विशेषज्ञ ने बोगी फ्रेम को अंतिम रूप से चेक किया। इसके बाद इटली और पुणे के अधिकारियों से बात कर इसे क्लियरेंस दी गई। इसके बाद शनिवार की दोपहर दो बोगी फ्रेम दिल्ली रवाना कर दिए गए। इसमें एक मोटर व एक ट्रेलर कोच है।
इसके बाद 13 मार्च को बाकी पांच बोगी फ्रेम भेजे जाएंगे। इसमें से एक बोगी फ्रेम को वहां माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखकर प्रेशर बनाया और देखा जाएगा कि कितने तापमान पर वह टूट सकती है। एक बोगी फ्रेम को तोडऩे के बाद भी छह बोगी फ्रेम वहां बचे रहेंगे। इन पर तीन कोच की पहली मेट्रो ट्रेन बनकर आएगी। वह सीधे पुणे भेजी जाएगी।इसके बाद सभी बोगी फ्रेम कानपुर से सीधे पुणे भेजे जाएंगे। उन पर वहीं कोच बनाए जाएंगे। बाकी 33 ट्रेन के लिए 198 बोगी फ्रेम अगले कुछ माह में यहां से भेज दिए जाएंगे।