Pune | कुंभारवाडा में मां दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम रूप देने का काम शुरू

पुणे (Pune News) : Pune | केशवनगर के कुंभरवाड़ा (Kumbhar Wada) में मूर्ति निर्माण का काम अंतिम चरण में है। वर्तमान में, तैयार मूर्तियों को सांचे से निकाल दिया गया है। कलाकार अब मूर्ति को मिट्टी से लेप रहे हैं और उस पर रंग रोगन का काम शुरू (Pune) कर रहे हैं।

 

गुरुवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में 7 अक्टूबर को शुरू होने वाले नवरात्रि उत्सव (Navratri Festival) की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। आदिशक्ति माता दुर्गा (Durga Mata) की आराधना के पर्व के रूप में नवरात्रोत्सव हर जगह बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। शैलपुत्री, ब्रम्हाचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री जैसी देवी के नौ मूल रूपों की नौ दिनों तक पूजा की जाती है। लेकिन कोरोना की वजह से इस साल भी नवरात्र समारोह (Navratri Celebrations) पर कई तरह की पाबंदियां (Restrictions) हैं। मूर्ति की ऊंचाई के साथ-साथ सादगी से उत्सव मनाने के लिए कहा गया है। इस साल सिर्फ एक से चार फुट की मूर्ति बनाई गई है।

 

नवरात्रि के लिए दुर्गा की विभिन्न रूपों की मूर्तियों का निर्माण किया गया है। कोल्हापुर (Kolhapur) की महालक्ष्मी, तुलजापुर की तुलजाभवानी, शेर पर विराजमान मां शेरावाली, अंबामाता, कलकत्ता की कालिका, वानी की सप्तश्रृंगी माता, महिषासुरमर्दिनी, संतोषी माता, पंच सिह के रथ पर विराजमान देवी महालक्ष्मी, दुर्गा देवी आदि हैं। उनकी आंखों की चमक और उनके रंगों के आकर्षण को बढ़ाने के लिए काम जोरों पर है। कुम्भरवाड़ा मां दुर्गा की इन मूर्तियों से खिल उठा है।

 

इस साल सबसे ज्यादा मांग अंबाबाई (Ambabai) और सप्तश्रृंगी माता (Saptashringi Mata) की चार फुट लंबी मूर्तियों की है। केशवनगर क्षेत्र के कुंभारवाड़ा में मां दुर्गा की एक से चार फीट ऊंची प्रतिमाएं बनाई जाती हैं। वर्तमान में कुम्भर वाड़ा में मूर्तियाँ बनाने का कार्य अंतिम चरण में है। इस बार तरह-तरह की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। लेकिन कच्चे माल के महंगे होने से मूर्तियों की कीमत भी बढ़ गई है।

 

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