Pune | झोपड़पट्टी पुनर्वसन में ऊंचाई बनी बाधा 

पुणे : Pune | एक तरफ 269 एकड़ के बजाय 300 स्क्वायर फ़ीट, इसके लिए ऊंचाई की सीमा खत्म कर झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्रोजेक्ट (slum rehabilitation project) को गति देने का प्रयास किया जा रहा है, वही दूसरी तरफ पर्वती पहाड़ी से सटे झोपड़पट्टी की पुनर्वसन की ऊंचाई की सीमा पहले की तरह बनाई रखी गई है।  हेरिटेज का दर्जा होने की वजह से पर्वती पहाड़ी से सटे क्षेत्र में बिल्डिंग पुनर्वसन (Building Rehabilitation) के लिए 21 मीटर तक (छह मंजिली ) की ऊंचाई की परमिशन की वजह से उसका पुनर्वसन (Pune) कैसे होगा ? यह सवाल खड़ा हो गया है।

शहर (Pune) की झोपड़पट्टी का तेज़ गति से पुनर्वसन हो, शहर झोपड़पट्टी मुक्त हो, इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने हाल ही में पुनर्वसन प्रोजेक्ट की संशोधित नियमावली को मंजूरी दी गई है।  इस  संशोधित   नियमावली में  झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्रोजेक्ट को कई छूट देने की घोषणा की गई है।  इसलिए शहर के कई झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्रोजेक्ट का रास्ता साफ़ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।  एक तरफ यह तस्वीर है वही दूसरी तरफ पर्वती पहाड़ी के पास की झोपड़पट्टी के पुनर्वसन का रास्ता साफ करने के लिए ऊंचाई की सीमा बाधा बन रही है।  ऐसे में करीब 40 हज़ार झोपड़ीधारको के पुनर्वसन का सवाल खड़ा हो गया है।
 
झोपड़पट्टी के पुनर्वसन के लिए राज्य सरकार ने नई नियमावली तैयार की है।  लेकिन इसमें हम पर विचार नहीं किया गया है।  ऊंचाई के बंधन की वजह से पुनर्वसन प्रोजेक्ट के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा है।  सरकार इस पर विचार करे और हमारे पुनर्वसन का रास्ता साफ़ करे – प्रदीप गुंड, झोपड़ीधारक, पर्वती 
 
सरकार ने अन्य झोपड़ीधारको पर विचार किया है।  हम पर विचार करना चाहिए था।  ऐसा कहा  जा रहा है कि बिल्डिंग की ऊंचाई का बंधन होने की वजह से प्रोजेक्ट नहीं हो सकता है।  अन्य झोपड़ीधारको की तरह सरकार हमें भी न्याय दे – जयश्री येनपुरे, झोपड़ीधारक, पर्वती
 
ऊंचाई का बंधन क्या ? 
पर्वती मंदिर को हेरिटेज का दर्जा प्राप्त है
इस परिसर में बिल्डिंग के लिए 21 मीटर की ऊंचाई का बंधन है
1 हज़ार 200 झोपड़ीधारको का सवाल
झोपड़पट्टी का क्षेत्र 95 एकड़
कई वर्षों से झोपड़पट्टी के पुनर्वसन का सवाल पेंडिंग
ऐसी उम्मीद थी कि  संशोधित   नियमावली में ऊंचाई का बंधन समाप्त होगा
संशोधित प्रारूप नियमावली में  ऊंचाई का बंधन खत्म करने का कोई जिक्र नहीं
 
पर्वती को हेरिटेज  का दर्जा प्राप्त होने की वजह से यहां पर ऊंचाई का बंधन है।  इस वजह से यहां पर झोपड़पट्टी के पुनर्वसन में दिक्कत आ रही है।  यहां पुनर्वसन बिल्डिंग की ऊंचाई का बंधन खत्म करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा गया है  राजेंद्र निंबालकर, सीईओ, एसआरए

 

Kolhapur Crime | स्कूली छात्रा का यौन शोषण करनेवाले शिक्षक को 4 साल की सजा, 10 हजार का जुर्माना