Pune Cyber Crime | पुणे में हर एक घंटे में होता है एक साइबर अपराध

पुणे (Pune News) – पुणे (Pune Cyber Crime) समेत पूरी दुनिया में साइबर क्राइम (Pune Cyber Crime) बढ़ता ही जा रहा है। हर दिन हजारों लोग इसके शिकार हो रहे है। पुणे शहर में कुछ दिन पहले एक अज्ञात ने कर्वेनगर (karvenagar) में एक खेल साहित्य विक्रेता के पिता से उसके मोबाइल पर संपर्क किया। इस दौरान आरोपी ने कहा- मैं आर्मी पब्लिक स्कूल (Army Public School) के लिए 20 बैट खरीदना चाहता हूं। आप इस ट्रांजैक्शन के लिए इस ऐप के जरिए पांच रुपये भेजें। विक्रेता के पिता ने एप के जरिए पांच रुपये भेजे। उसके कुछ देर बाद ही साइबर अपराधियों (cyber criminals) ने उनके खाते में 50,000 रुपये की हेराफेरी कर ली। पिछले ढाई साल में 33 हजार 642 तरह की ऑनलाइन ठगी हुई है। यानी शहर में हर घंटे में 1 ऑनलाइन ठगी (Fraud) की घटना देखने को मिल रही है।

वर्तमान स्थिति यह है कि पुणेकर आसानी से साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं क्योंकि ऑनलाइन लेन-देन (online transaction) में पर्याप्त सावधानी नहीं बरती जाती है। पिछले कुछ वर्षों में शहर के नागरिकों के बीच ऑनलाइन धोखाधड़ी में वृद्धि हुई है। युवाओं से लेकर वरिष्ठों तक और बैंकों से लेकर बड़ी कंपनियों और उद्योगों तक साइबर अपराधी (Cyber criminal) सामने आए हैं।

शिकायतों का त्वरित निस्तारण –

साइबर पुलिस (cyber police) को आए दिन धोखाधड़ी की शिकायतें मिलती रहती हैं। सभी आवेदनों की जांच की जाती है और तकनीकी पहलुओं को जाना जाता है। इसकी सूचना संबंधित थाने को दी जाती है। इसके बाद थाना पुलिस द्वारा आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वित्तीय धोखाधड़ी (Fraud) के अन्य बड़े अपराधों की जांच साइबर पुलिस करती है।

सबसे बड़े घोटालों में से एक –

70% वित्तीय धोखाधड़ी के लिए ऑनलाइन धोखाधड़ी खाते हैं।
बैंक, कंपनियां, उद्यमी, पेशेवर और साथ ही आम जनता।
सोशल नेटवर्किंग, हॉकिंग, मोबाइल उपयोग, डेटा चोरी, बैंकिंग और व्यवसाय।
ऑनलाइन लेनदेन में वृद्धि।
पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन लेनदेन में भारी वृद्धि।
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान प्रणाली का उपयोग पिछले मार्च तक 18.7 प्रतिशत बढ़ा।
अगले चार वर्षों में इसके 71.7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।

धोखाधड़ी (Fraud) के मामले में –

अगर साइबर अपराधी ऑनलाइन धोखाधड़ी (online fraud) करते हैं, तो पहले साइबर पुलिस से तुरंत संपर्क करें। शिकायत प्रपत्र पुलिस के व्हाट्सएप, ई-मेल पर भेजें। ऐसा करके पुलिस साइबर अपराधी के बैंक खाते में आपका पैसा जमा होने से पहले संबंधित बैंक को अलर्ट कर सकती है और आपकी धोखाधड़ी को रोक सकती है।

इस तरह अपना ध्यान रखे –

सोशल मीडिया (Social Media) पर अपने या अपने परिवार के बारे में गोपनीय जानकारी पोस्ट न करें।
सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें, वीडियो अपलोड करने से बचें।
अजनबियों से मित्र अनुरोध स्वीकार करते समय सावधान रहें।
क्यूआर कोड स्कैन करते समय सावधानी बरतें।
जब तक आपकी आमने-सामने बैठक न हो, तब तक अजनबियों के साथ वित्तीय लेनदेन न करें।
अपना बैंक या गोपनीय जानकारी दूसरों के साथ साझा न करें।
ऑनलाइन लेन-देन करते समय परिवारों को सुझाव दें।
अपरिचित ई-मेल, मित्र अनुरोध, लिंक का जवाब देने से बचें।
अनावश्यक मोबाइल ऐप डाउनलोड न करें।

साइबर अपराध शिकायत आवेदनों की संख्या –

 

7 हजार 742 – 2019
14 हजार 900 – 2020
11 हजार – 2021 (अगस्त तक)

साइबर सेल (Cyber cell) के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक डी. एस. हाके ने बताया कि नागरिक सतर्क रहें तो ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। ऐसी घटनाओं के तुरंत बाद पुलिस से संपर्क करने पर नागरिक अपना पैसा वापस पा सकते हैं। फिर भी नागरिकों को काफी सावधान रहने की जरूरत है।

शिकायतकर्ता योगेश भोसले (Yogesh Bhosle) ने कहा कि मैंने एक पुरानी कार बेचने के लिए OLX पर विज्ञापन दिया था। एक व्यक्ति ने कहा कि उसे कार पसंद आई और उसने ऐप के जरिए पैसे भेजे। इससे पहले उन्होंने एक लिंक भेजा था। मैंने उस लिंक का जवाब दिया और इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता, मेरे खाते से 20,000 रुपये गायब हो गए।

ऐसा प्रतीत होता है कि पिछले मार्च से डिजिटल लेनदेन में वृद्धि हुई है। हालांकि, पिछले दो वर्षों की तुलना में इस साल ऑनलाइन लेनदेन की संख्या में गिरावट आई है।

शिकायत के लिए यहां संपर्क करें…

व्हाट्सएप नंबर – 7058719371 या 7058719375

साइबर पुलिस ठाणे टेलीफोन – 020-297110097

ई-मेल-[email protected]

 

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