Pune Crime | सुपारी देने वाले विवेक यादव का बैकग्राउंड भी है क्रिमिनल, जानें बबलू गवली और यादव के बीच की क्या है दुश्मनी

पुणे (Pune News) : ऑनलाइन टीम – (Pune Crime) लश्कर छावनी बोर्ड (Lashkar Cantonment Board), पुणे (Pune Crime) के पूर्व भाजपा नगरसेवक विवेक महादेव यादव (Vivek Mahadev Yadav) ने बदला लेने के लिए एक दोषी अपराधी को सुपारी सौंपी थी।  आरोपी पहले से गुन्हेगार था। हाई कोर्ट (High Court) से स्टे मिलने के बाद 2015 में वह नगरसेवक चुने गए। कोंढवा पुलिस (Kondhwa Police) पिछले 5 दिनों से उनकी तलाश कर रही है। अभी तक उनकी गिरफ़्तारी नहीं हो पायी है।  राजन राजमणी (Rajan Rajamani) पकडे जाने के बाद से वह फरार हो गया है।

2016 में यादव पर गणेशोत्सव के दौरान रात में फायरिंग की गई थी। यह फायरिंग शातिर बदमाश बबलू गवली (bablu gawli) ने की थी। दोनों के बीच पहले से ही दुश्मनी थी।  इसी वजह से यह फायरिंग की गई थी। यादव इस फायरिंग से बाल-बाल बच गए थे। लश्कर पुलिस (Lashkar Police) ने गवली गिरोह के 13 सदस्यों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था।

संवर्धन मंडळ का गणपती हॉटेल ट्रायलक चौक से आगे आया। उस समय सड़कों पर भीड़ थी। भीड़ का फायदा उठाकर बबलू गवली (bablu gawli) ने विवेक महादेव यादव (Vivek Mahadev Yadav) की पीठ में पिस्तौल से दूर से ही गोली मार दी। लेकिन, इस  दौरान यादव के भतीजे ने उसे देख लिया था। उसने गवली को पकड़ने की कोशिश भी की थी। लेकिन, तब तक गवली ने फायरिंग (firing) कर दी थी। गवली की शॉट चूक गयी। गवली एक और गोली नहीं चला सका क्योंकि गोली की आवाज पर नागरिक इधर-उधर भागने लगे। तब तक यादव के कार्यकर्ताओं ने गवली को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया था बाद में उसे पुलिस (Police) के हवाले कर दिया।

गवली और यादव विभिन्न कारणों से 2014 से आमने-सामने हैं। छावनी बोर्ड में किस प्रकार की अवैध पार्किंग शुल्क वसूली का पर्दाफाश हुआ था। यादव ने दावा किया था कि इस मामले में उन्हें गोली मारी गई थी। विवेक यादव पर आतंक फैलाने, अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने, जबरन वसूली और अन्य अपराधों के आरोप हैं। साथ ही परिमंडल 2 के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त डॉ. सुधाकर पठारे (Dr. Sudhakar Pathare) ने यादव को 4 अक्टूबर 2014 को 2 साल के लिए पुणे (Pune) शहर और जिले से तड़ीपार किया

इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट (High court) का दरवाजा खटखटाया था और इस पर स्टे ले लिया था। जिससे वह पुणे जिले में प्रवेश कर सकता था। 2015 में हुए पुणे छावनी बोर्ड के चुनाव में बीजेपी (BJP) ने उन्हें टिकट दिया। बाद में वह जीत गए। उसके बाद अगले वर्ष गणेशोत्सव विसर्जन जुलूस के दौरान बबलू गवली ने उन्हें गोली मार दी थी।

 

सौभाग्य से, वह बच गया। उसका गुस्सा उस पर था। उसने सजा काट रहे  राजन राजमणी के पक्ष में से कांटा निकालने की योजना बनाई। हालांकि पुलिस ने पहले ही कार्रवाई कर साजिश को नाकाम कर दिया।

 

 

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