Pune Crime | सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक के परिवार पर 1.20 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज

पुणे (Pune News) – वारजे पुलिस (Warje Police) ने सारस अर्बन को-ऑप क्रेडिट सोसाइटी (Saras Urban Co-op Credit Society) से गैर-मौजूद जमीन गिरवी रखकर फर्जी (Pune Crime) तरीके से एक करोड़ 20 लाख रुपये का कर्ज लेने के आरोप में एक सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक (retired police inspector) के परिवार समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज (Pune Crime) किया है।

सचिन दत्तात्रय टेमघरे (Sachin Dattatreya Temghare) (40), अमोल दत्तात्रय टेमघरे (Amol Dattatreya Temghare) (39), मनोज दत्तात्रय टेमघरे (Manoj Dattatreya Temghare), मंगला दत्तात्रय टेमघरे ( Mangala Dattatreya Temghare) (सभी नि. इंद्रधनु सोसायटी, कोथरुड), भगवान विठोबा बराटे (Bhagwan Vithoba Barate) (नि. कृष्णकुुंज), गणेश भागोजी कराळे (Ganesh Bhagoji Karale) ( 54) सभी पर मामला दर्ज किया गया है।

यह शिकायत सारस अर्बन को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के रिकवरी ऑफिसर नितिन जोरकर (Nitin Jorkar) ने दर्ज कराई है। घटना 13 अप्रैल 2014 की है। सचिन, अमोल, मनोज और मंगला टेमघरे ने वारजे ग्रुप नंबर 73 को सारस अर्बन को सौंप दिया है। 1 क्षेत्र 950 चौमी को गिरवी विलेख द्वारा अपनी भूमि के रूप में बट्टे खाते में लिखा दिया गया था।

इस पर संस्था से 1 करोड़ 20 लाख रुपए का कर्ज लिया गया। प्रारंभ में ऋण की किश्तों का भुगतान किया गया। बाद में, किश्तों का भुगतान न करने के कारण शिकायतकर्ता ने संपत्ति के खिलाफ कार्यवाही शुरू की और यह देखा गया कि संपत्ति मौजूद नहीं थी। गहन जांच के दौरान चारों आरोपियों ने अन्य दो आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी (Fake) व जाली दस्तावेज (forged documents) बनाने की साजिश रची और असली होने का नाटक किया था।

इस मामले में कोर्ट (Court) के आदेश के मुताबिक संगठन ने पहले कोथरुड थाने (Kothrud Police Station) में शिकायत दर्ज किया। बाद में कोर्ट ने कार्रवाई स्थगित करने को कहा। यह इलाका वारजे मालवाड़ी थाना क्षेत्र (Malwadi Police Station Area) के अंतर्गत आता है। सीमा के भीतर आने के कारण मामला वारजे थाने (Warje police station) को सौंप दिया गया। इस बीच, कोर्ट स्टे हटने के बाद अब केस दर्ज किया गया है।

सचिन टेमघरे द्वारा दी गई जानकारी –

टेमघरे परिवार ने जमीन गिरवी रखकर एक करोड़ 20 लाख रुपये का कर्ज लिया था, जिसमें से 70 लाख रुपये चुका दिए गए हैं। जब हम बाकी के 50 लाख रुपये देने गए, तो क्रेडिट यूनियन ने हमें 1 करोड़ 68 लाख रुपये का भुगतान करने या आपराधिक मामले का सामना करने के लिए कहा। जब हमने उन्हें गिरवी रखी जमीन पर कब्जा करने और पैसे वापस करने को कहा, तब भी उन्होंने हमारे खिलाफ झूठा आपराधिक मामला बनाया है।

यह इस क्रेडिट यूनियन (Credit Union) की वसूली का पुराना तरीका है और इसलिए जांच अदालत ने भी एक महीने पहले क्रेडिट यूनियन की जांच के आदेश दिए हैं।

हालांकि, हमारे खिलाफ अपराध झूठे तरीके से और उसका नाम खराब कर पैसे वसूल करने के इरादे से किया गया है।

 

 

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