Pune Crime | संदीप मोहोल हत्या मामले में सचिन पोटे सहित जमीर शेख, संतोष लांडे को आजीवन कारावास; गणेश मारणे, राहुल तारू सहित अन्य निर्दोष बरी

पुणे: (Pune Crime) संदीप मोहोल हत्या मामले में पुणे की विशेष मकोका (Macoca) कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाया है। हत्या मामले के आरोपी सचिन पोटे, जमीर शेख और संतोष लांडे को दोषी (Pune Crime) करार दिया गया है। उन्हे कोर्ट ने आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा दी है। इस बीच गणेश निवृत्ती मारणे, राहुल तारू, अनिल वाघमारे, निलेश मानगिरे के साथ 10 आरोपी को निर्दोष बरी किया गया है। मकोका कोर्ट के जज ए.एन. शिरीसकर ने यह फैसला सुनाया है।

संदीप मोहोल की 4 अक्टूबर 2005 को पौड फाटा में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उस समय गणेश निवृत्ती मारणे, सचिन पोटे और अन्य 18 लोगों को गिरफ्तार किया था। अपराधी सचिनपोटे, जमीर शेख व संतोष लांडे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वही संजय कानगुडे, समीर उर्फ सम्या शेख, गणेश मारणे, सचिन मारणे, राहुल तआरू, अनिल खिलारे, विजय कानगुडे, शरद विटकर, निलेश माझीरे, राहील शेख को निर्दोष बरी किया गया है। इस मामले में मकोका, आर्म एक्ट, हत्या सहित कई धाराएं लगाई गई।

इस मामले में पुणे पुलिस ने कोथरुड पुलिस थाने में गणेश मारणे सहित कुल 18 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया था। पौड रोड पर दो गैंग में 4 अक्टूबर 2006 को यह हत्या हुई। उसके बाद पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच पूरी होने के बाद अदालत में चार्जशीट दायर किया गया। तब से यह केस चल रहा था। कोर्ट में दोनों का तर्क शुरू था। दोनों पक्ष के गवाह ढूंढे गए। पिछले महीने में अंतिम बहस हुई थी। कोर्ट ने 22 जुलाई को फैसला सुनाया। इसके अनुसार तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 302, 149 और 34 में सचिन पोटे जमीर शेख और संतोष लांडे को दोषी करार दिया गया और मकोका और 120 (ब) में सचिन पोटे, जमीर शेख और संतोष लांडे को निर्दोष करार दिया।

सरकारी वकील के रूप में एड. उज्वला पवार ने काम देखा, वहीं आरोपी के पक्ष में एड. हर्षद निंबालकर, एड. सुधीर शहा, एड. संदीप पासबोला, एड, राहुल वंजारी, एड. अतुल पाटिल, एड. धैर्यशील पाटिल, एड. सुरेशचंद्र भोसले. एड. जितेंद्र सावंत, राहुल भरेकर, एड. विपुल दुशिंग ने केस का कामकाज देखा।

आरोपी राहुल तारू के वकील के रूप में एड, संदीप पासबोला, एड. राहुल वंजारी और एड. अतुल पाटिल ने काम देखा। पुलिस द्वारा पेश किए गए सभी सबूत पर तर्क करते हुए वकील ने कोर्ट में यह साबित कर दिया कि राहुल तारू का संदीप मोहोल की हत्या से कोई संबंध नहीं है।