Pune Corporation | पुणे मनपा की टॉयलेट कथा ! मलाई खाकर बिल्डर के फायदे के लिए 20 लाख खर्च कर बनाया गया टॉयलेट मध्य रात्रि में जमींदोज 

पुणे (Pune News) : Pune Corporation | गंगाधाम चौक (Gangadham Chowk Bibewadi) से शत्रुंजय मंदिर की दिशा में जाने वाली डीपी रोड (DP Road) के किनारे 2015-16 में 20 लाख रुपए खर्च कर बनवाये गए पुरुष-महिला टॉयलेट्स (Ladies and gents toilet) की कोई वैकल्पिक व्यवस्था न करते हुए इसे मध्य रात्रि में जमींदोज कर दिया (Pune Corporation) गया।

खास बात यह है कि 2018 में टॉयलेट सड़क के क्षेत्र में आने की वजह से इसे गिराने का प्रस्ताव स्थानीय नगरसेवक ने लाया था।  यह टॉयलेट एक बड़े बिल्डर के बड़े साइट पर प्रवेश द्वार से सटे होने के कारण इसे गिरा दिया गया है।  इसमें मनपा (Pune Corporation) के अधिकारियों को बड़ी मलाई मिलने का आरोप स्थानीय नागरिक लगा रहे। है

 

मनपा दवारा 2015-16 में बिबवेवाड़ी क्षेत्रीय कार्यालय (Bibwewadi Regional Office) दवारा 20 लाख रुपए खर्च कर पुरुष और महिलाओं के लिए 10 सीट का टॉयलेट (Toilet) बनवाया गया था।  भीड़-भाड़ वाले परिसर में सुविधाओं का निर्माण करने के उद्देश्य से यह बनवाया गया था।

 

खास बात यह है कि इसका निर्माण पूरा होने के बाद कुछ दिनों में ही समाजविरोधी तत्वों ने इसे तोड़फोड़ कर की थी।  इसकी शिकायत बिबवेवाड़ी क्षेत्रीय कार्यालय ने पुलिस (Police) से की थी।  लेकिन सामाजिक संगठनों ने इस टॉयलेट के शुरू रहने के लिए आंदोलन किया था।

 

इस बीच 2017 में सरकार से मंजूर डेवलपमेंट प्लान (development plan) में इस सड़क की चौड़ाई 24 मीटर से बढ़ाकर 30 मीटर कर दी गई थी।  इसके बावजूद बिबवेवाड़ी क्षेत्रीय कार्यालय ने 24 मीटर चौड़ा टॉयलेट बनवाया।

 

इस टॉयलेट के पीछे एक प्रतिष्ठित बिल्डर का शहर का सबसे बड़ा कंस्ट्रक्शन साइट (construction site) है।  यहां पर पिछले कई वर्षों से निर्माण कार्य चल रहा है।  डेलपमेंट प्लान में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की मंजूरी मिलने के बाद मनपा खुद भी टॉयलेट गिरा सकती थी।

 

लेकिन सड़क की चौड़ाई का हवाला देकर स्थानीय नगरसेवक ने महिला व बाल कल्याण समिति के सामने टॉयलेट को गिराने का प्रस्ताव लाया था।  समिति दवारा प्रस्ताव को मंजूर किये जाने के बाद रोड डिपार्टमेंट (Road Department), स्वास्थ्य विभाग (Health Department) सहित सभी विभागों से टॉयलेट (Toilet) के सड़क की चौड़ाई में आने का और इस्तेमाल नहीं होने का  हवाला देते हुए इसे गिराए जाने पर कोई ऐतराज नहीं होने की राय दी।  इसके अनुसार क्षेत्रीय अधिकारी, जोनल उपायुक्त और अतिरिक्त आयुक्त की राय के अनुसार टॉयलेट को जमींदोज करने की परमिशन दी गई।

 

 

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