Pune | सभागृह नेता की भूमिका से बैकफुट पर गई भाजपा

पवना बाँधग्रस्तों के आक्रामक तेवर के चलते महापौर को टालना पड़ा जलपूजन का कार्यक्रम
पिंपरी, संवाददाता। Pune | पवना बांध के लबालब होने के बाद जलपूजन के कार्यक्रम को लेकर शिवसेना (shivsena) और पिंपरी चिंचवड़ मनपा (Pimpri Chinchwad Municipal Corporation) के सत्तादल भाजपा में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। सांसद श्रीरंग बारणे (MP Shrirang Barne) द्वारा पवना बांध जलपूजन करने के बाद मनपा के सभागृह नेता नामदेव ढाके द्वारा की गई बयानबाजी (Pune) से शिवसेना आक्रामक हो गई। शिवसेना और बाँधग्रस्तों के आक्रामक तेवर देख महापौर ऊषा ढोरे (Mayor Usha Dhore) पर शनिवार को पवना जलपूजन का कार्यक्रम ऐन मौके पर रद्द करने की नौबत आयी। इस पूरे घटनाक्रम से भाजपा बैकफुट पर चली गई है।
मावल से शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने 30 अगस्त को बांध प्रभावित लोगों के साथ पवना बांध के जलाशय में जल पूजन किया। इस पर मनपा (Pune) में सत्ताधारी दल के नेता नामदेव ढाके ने विवादित टिप्पणी की। महापौर पिंपरी चिंचवड़ की प्रथम नागरिक हैं, उनसे पहले पवना बांध में जलपूजन कर सांसद ने महापौर का अपमान किया, ऐसा बयान ढाके ने दिया था, जिसे बाँधग्रस्तों ने हास्यास्पद बताया। हमने बांध के निर्माण के लिए बहुमूल्य भूमि प्रदान की। बंद जलमार्ग योजना के खिलाफ आंदोलन में हुई फायरिंग में मावल के तीन किसानों की मौत हो गई।  इसके बावजूद मनपा को बांध क्षेत्र के किसानों की दुर्दशा का पता ही नहीं चला। फिर बांध पर मनपा का अधिकार कैसे? हमारी समस्याएं तस की तस हैं फिर महापौर का जलपूजन का नाटक किसके लिए? उन्हें इसका अधिकार किसने दिया? यह सवाल बाँधग्रस्तों ने खड़े किए हैं।
बाँधग्रस्तों ने सभागृह नेता नामदेव ढाके को चुनौती दी कि वे जल पूजन के लिए अवश्य आएं। बांध पीड़ितों को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है?  आइए उन्हें दिखाते हैं। महापौर उषा ढोरे के हाथों पवना जलाशय का जल पूजन आज होना था। इस  पृष्ठभूमि पर, बांध प्रभावित संगठनों ने आक्रामक रुख अपनाया। बांध प्रभावित नागरिक सुबह से ही महापौर के समक्ष समस्याओं के समाधान के लिए उनका इंतजार करते रहे।
हालांकि, शिवसैनिकों और बांध प्रभावित संगठनों ने दावा किया कि जैसे ही महापौर ने इस बारे में सुना, उन्होंने दौरा रद्द कर दिया। शिवसेना तालुका उपप्रमुख अमित कुंभार ने कहा, सांसद बारणे गत सात साल से पवना बांध के जलाशय से मलबा हटवाने का काम कर रहे हैं। केवल पब्लिसिटी स्टंट के नामदेव ढाके इस तरह की ऊलजलूल बयानबाजी कर रहे हैं। इसकी निंदा करने के लिए शिवसेना और बाँधग्रस्त संगठनों के नागरिक सुबह से ही यहां इकट्ठा हुए थे। हालांकि उन्होंने जलपूजन कार्यक्रम रद्द किए जाने से यहां निषेध सभा हुई।
इस मौके पर शिवसेना उपजिला प्रमुख शरद हुलावले, तालुका प्रमुख राजेश खांडभोर, संगठक अंकुश देशमुख, सुरेश गायकवाड, तालुका उपप्रमुख अमित कुंभार,आशिष ठोंबरे, चंद्रकांत भोते, मदन शेडगे, समन्वयक रमेश जाधव,  शैला खंडागले, अनिता गोंटे, किसन तरस, राम सावंत, उमेश दहीभात, लोनावला शहर प्रमुख बालासाहेब फाटक, देहू शहर प्रमूख सुनील हगवणे, भरत नायडू, तलेगांव शहर प्रमुख दत्ता भेगडे, देव खरटमल, सिध्द नलवडे, सतीश इंगवले, युवा अधिकारी श्याम सुतार, रुपाली आहेर, सुनंदा आवले, सुरेखा मोरे, अनिल भालेराव, सुरेश गुप्ता, सचिन कलेकर, विकास कलेकर, किशोर शिर्के, अंकुश वागमारे, उमेश ठाकर,पोपट राक्षे, युवराज सुतार, धरणग्रस्तांचे नेते रविकांत रसाल, मुकुंद कौर, किसन घरडाले, शंकर दकेवी, छबन काले, बाजीराव शिंदे, छाया कालेकर, लिलाबाई डोंगरे, राम कालेकर, सरपंच  सुनील येवले, आकाश वाळुंज, ग्रा .प .सदस्य रुपाली इंगवले आदि शामिल थे।