Pune | 23 गांवों के विकास के लिए 9000 करोड़ की जरूरत

पुणे (Pune news) : ऑनलाइन टीम – (Pune) राज्य सरकार (state government) ने नियोजित विकास के लिए पुणे महापालिका (Pune Municipal Corporation) क्षेत्र में 23 गांवों को शामिल किया है, लेकिन महापालिका को इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के नेटवर्क के निर्माण के लिए 9,000 करोड़ रुपये के फंड की जरूरत है। क्या यह फंडिंग राज्य सरकार से आएगी? अब ऐसा सवाल उठ रहा है।

नए गाँवों को नगरपालिका (municipal corporation) की सीमा में करने से केवल सीमाएँ ही नहीं बल्कि महापालिका (municipal corporation) पर काम का दबाव भी बढ़ जाता है। पिछले कई वर्षों से भर्ती नहीं होने के कारण कई पद रिक्त हैं। अपर्याप्त जनशक्ति के कारण, मूल पुणे सीमा के साथ नए शामिल गांवों में प्रशासन कड़ी मेहनत कर रहा था। पुणे नगर निगम (Pune Municipal Corporation) इस साल 8,000 करोड़ रुपये से आगे निकल गया है। लेकिन, वास्तविक राजस्व लगभग 6,000 करोड़ रुपये है। जहां कोरोना के चलते महपालिका के राजस्व में कमी की आशंका जताई जा रही है, वहीं अब 23 नए गांवों की जिम्मेदारी महापालिका पर आ गई है।

2017 में शामिल 11 गांवों की विकास योजना तैयार करने का काम चल रहा है। पिछले तीन साल में इन 11 गांवों पर सिर्फ 324 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिससे क्षेत्र का विकास बाधित हुआ है। अब 23 गांवों को विकसित करते समय उस क्षेत्र में जलापूर्ति, सीवेज प्रबंधन, वर्षा जल निकासी, कचरा, बिजली, परिवहन योजना के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता होगी। इसलिए महापालिका ने 23 गांवों की राय प्रस्तुत करते हुए बताया है कि सरकार को सुविधाओं और अतिरिक्त स्टाफ के लिए 100 अनुदान देना चाहिए, जिसके लिए कम से कम 9000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

पुणे शहर में निर्माण और आबादी बढ़ने से पानी की खपत भी बढ़ी है। पिछले कई सालों से पुणे के लिए पानी का कोटा बढ़ाने की मांग की जा रही है। जल संसाधन विभाग ने 11.5 टीएमसी पानी के लिए नगर निगम के साथ समझौता किया है। लेकिन, फिलहाल 14 टीएमसी पानी का इस्तेमाल हो रहा है। भविष्य में शहर में शामिल गांवों की बढ़ती आबादी को देखते हुए। राज्य सरकार से 94 टीएमसी पानी की मांग की गई है।

हालांकि 23 गांव नगरपालिका सीमा के भीतर हैं, लेकिन इस क्षेत्र के निवासियों ने वर्ष 2021-22 के लिए ग्राम पंचायतों को आयकर का भुगतान किया है। इसलिए इस साल नागरिकों को नगर पालिका को कोई टैक्स नहीं देना होगा। अगले वित्तीय वर्ष से निगम इस क्षेत्र में आय का पुनर्मूल्यांकन करेगा और एक नया कर तय करेगा। इससे इनकम टैक्स बढ़ेगा। 23 गांवों में करीब 2.5 लाख संपत्तियां हैं, जिससे करीब 100 करोड़ रुपए की आय बढ़ने की उम्मीद है।

पुणे महापालिका की सीमाओं में शामिल 23 गांवों में नागरिकों को सड़क, पेयजल, कचरा संग्रहण एवं प्रसंस्करण, मल शोधन, उद्यान, सब्जी मंडी आदि उपलब्ध कराई जाती है। वह इस बात को लेकर भी उत्सुक हैं कि नगर निगम स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा कैसे मुहैया कराएगा। महापालिका के तहत आने वाले 23 गांवों को लेकर पिछले कई महीनों से चर्चा चल रही है। शहर से इसकी निकटता के कारण, तेजी से शहरीकरण हुआ। हालाँकि जीवन स्तर शहर जैसा ही है, लेकिन नागरिक सुविधाओं का अभाव है। पिछले 3-4 सालों में यहां काफी निर्माण हुआ है।

अधिकांश स्थानों पर ग्राम पंचायत द्वारा पूर्व में स्वीकृत योजनाओं के आधार पर ही निर्माण कार्य कराया जा चुका है। इसलिए, नगरपालिका को पर्याप्त मुख्य और आंतरिक सड़कों के निर्माण, फुटपाथ बनाने, अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र बनाने, कचरे को उठाने और इसे संसाधित करने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। हालांकि इन गांवों में नगर निगम की बस सेवा शुरू कर दी गई है, लेकिन सड़कों को विकसित करने की जरूरत होगी। 23 में से कई गांवों में पीने के पानी की समस्या गंभीर है। इसलिए महापालिका को पानी की आपूर्ति बढ़ाने और आपूर्ति पर ध्यान देना होगा।

हालांकि गांव में जिला परिषद के स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन वे बढ़ती आबादी के अनुपात में अपर्याप्त हैं।

इसके लिए नगर निगम को योजना बनानी होगी। इसके लिए 23 गांवों की विकास योजना तैयार करनी होगी

और उसे तत्काल लागू करना जरूरी होगा।

 

 

 

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