PUC Certificate | पीयूसी नहीं होने पर लग सकता है 10 हज़ार रुपए का जुर्माना ; वाहनों के संदर्भ में एक नई अधिसूचना जारी 

मुंबई : PUC Certificate | बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सरकार ने वाहनों के संदर्भ में एक नई अधिसूचना जारी की है।  इसके अनुसार वाहन चालकों के लिए वाहनों का प्रदूषण कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसी) अपने साथ रखना अनिवार्य कर दिया गया है।  वाहन के साथ पीयूसी (PUC Certificate) नहीं होने पर चालक पर 10 हज़ार रुपए का जुर्माना (Fine) लगाया जा सकता है।  नए नियम के तहत 6 महीने की जेल की सजा का भी प्रावधान है.
मिली जानकारी के अनुसार बाइक हो या कार सभी वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट (PUC Certificate ) अनिवार्य है।  यह सर्टिफिकेट वैध होना चाहिए।  पीयूसी सर्फिटिकेट  के बिना या ओवरडेटेड पीयूसी (Overdated PUC) के साथ वाहन चालक को सड़क पर पकडे जाने पर उन पर जुर्माना लग सकता है।  ट्रैफिक पुलिस (Traffic police) को  वैध पीयूसी सर्टिफिकेट (valid PUC certificate) नहीं दिखाने पर वाहन चालक को 6 महीने की जेल या 10 हज़ार रुपए का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।  इसके साथ ही जिन वाहन चालकों के पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं मिलता है उनकी ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) तीन महीने के लिए रद्द की जा सकती है।  ऐसे में बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के वाहन चलाना खतरनाक हो सकता है।


पीयूसी पर कितना खर्च आता है ?

पीयूसी सर्टिफिकेट (PUC Certificate) के लिए अलग-अलग वाहनों (Vehicle) की फीस अलग है।  पेट्रोल (Petrol) और सीएनजी (CNG) के बाइक और थ्री व्हीलर वाहनों में प्रदूषण (Pollution) की जांच का फीस 60 रुपए है।  फोर व्हीलर के लिए 80 रुपए देने होंगे।  डीजल वाले वाहनों के लिए प्रदूषण की जांच का फीस 100 रुपए है।


नियम क्या कहता है ?

केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 (Central Motor Vehicles Act 1989) के अनुसार देश में प्रत्येक वाहन के लिए (बीएस 1,  बीएस 2, बीएस 3, बीएस 4 और सीएनजी व एलपीजी वाहन ) के लिए वैध पीयूसी आवश्यक है।  फोर व्हीलर  बीएस 4 वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की वैधता एक वर्ष, अन्य वाहनों के लिए  तीन महीने की है।

पीयूसी सर्टिफिकेट का क्या मतलब है ?

वाहनों की वजह से किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होने की गारंटी देने वाला सर्टिफिकेट मतलब पीयूसी सर्टिफिकेट (PUC Certificate) होता है।  यह विशेष जांच सेंटर में बनवाया जाता है।  इसमें वाहनों से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon Monoxide) और कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) जैसे अलग-अलग वायु की जांच की जाती है।  जांच के बाद वाहनों को पीयूसी सर्टिफिकेट दिया जाता है।

 

 

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