पुणे मनपा की सर्वसाधारण सभा में सावित्रीबाई और ज्योतिराव फुले को भारत रत्न देने का प्रस्ताव मंज़ूर

पुणे : देश के सर्वश्रेष्ठ नागरी पुरस्कार भारत रत्न पुरस्कार महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले को मरणोपरांत देने का निवेदन पुणे मनपा ने किया है। इसे लेकर मनपा की सर्वसाधारण सभा में एक प्रस्ताव मंजूर किया गया है। समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबई फुले को भारत रत्न सम्मान देने का आग्रह केंद्र सरकार से करने का प्रस्ताव कांग्रेस नेता उल्हास बागुल ने सर्वसाधारण सभा में रखा था  और उस पर सभी पार्टियों ने सहमति जताई थी। इसलिए एकमत से इस प्रस्ताव को मंजूर किया गया।

वही मनपा में प्रस्तुत किए गए निवेदन प्रस्ताव को राज्य व केंद्र के पास भेजा जाएगा। सर्वसाधारण समिति में प्रस्ताव प्रस्ताव रखने वाले कांग्रेस नेता उल्हास बागुल ने कहा कि समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न देने का प्रस्ताव मंजूर करने वाली पुणे मनपा देश की पहली सिविक बॉडी है। साथ ही पुणे विद्यापीठ को सावित्रीबाई फुले का नाम दिया गया है। उनके नाम पर छात्रवृत्ति भी शुरू हुई है, लेकिन उन्हे भारतरत्न पुरस्कार नहीं दिया गया है। मनपा के सर्वसाधारण सभा में मंजूर किए गए प्रस्ताव को राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। वहाँ से केंद्र सरकार से सिफारिश की जा सकती है।

ज्योतिराव फुले ने स्त्रियो को शिक्षित करने के साथ ही अस्पृश्यता और जाति निर्मुलण के लिए बहुत काम किये। वही सावित्रीबाई फुले ने देश की महिला  को शिक्षित करने पर जोर दिया। शिक्षा के कार्य में उन्होने अपना पूरा जीवन लगा दिया। साथ ही शोषित जाति के लोगो को समान हक दिलाने के लिए ज्योतिराव ने सत्य शोधक समाज की स्थापना की। उन्होने भीडे वाडा में 1848 में पुणे में लड़कियो के लिए पहले स्कूल की स्थापना की। पुणे शहर के वरिष्ठ शिक्षाविद महर्षि धोंडो केशव कर्वे और प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित भीमसेन जोशी को भारत रत्न प्राप्त हुआ है। ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के सामाजिक कार्यो से पुणे के लोगो का भावनात्मक संबंध है। उनका घर राष्ट्रीय स्मारक के रूप में संरक्षित है। मनपा ने नागरी मुख्यालय के आंगन में ज्योतिराव फुले का स्मारक भी बनाया है। वही देश के विविध जगहों पर इन दोनो के स्मारक बनाए गए हैं।